लखनऊ : वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत से पारित हो गया। अब इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा। हालांकि, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा विधेयक को सदन में रखे जाने की टाइमिंग को लेकर विपक्षी दल लगातार सरकार पर हमला बोल रहे हैं। विपक्षी दलों ने संसद में इसका कड़ा विरोध किया। अगर उत्तर प्रदेश के राजनीतिक दलों की बात करें तो समाजवादी पार्टी ने इस विधेयक को मुसलमानों के खिलाफ बताया, वहीं बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भी इस विधेयक पर केंद्र सरकार को घेरा है।

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया है। बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पर सत्ता पक्ष और विपक्ष की बात सुनने के बाद निष्कर्ष यह है कि बेहतर होता कि केंद्र सरकार इस विधेयक को लाने से पहले जनता को इस विधेयक को समझने के लिए कुछ और समय देती और उनकी सभी शंकाओं को दूर करती।
दुख की बात यह है कि सरकार ने जल्दबाजी में इस विधेयक को लाया और इसे पारित भी करा लिया, जो ठीक नहीं है। अब अगर सरकार इस विधेयक के पारित होने के बाद इसका दुरुपयोग करती है तो पार्टी मुस्लिम समुदाय का पूरा साथ देगी। ऐसे में पार्टी इस विधेयक से सहमत नहीं है।
गौरतलब है कि वक्फ विधेयक पर लोकसभा और राज्यसभा दोनों में कई घंटों तक चर्चा हुई। रात में ही 2 से 2.30 बजे के बीच विधेयक के समर्थन और विरोध में वोटिंग हुई। सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने विधेयक के समर्थन और विरोध में अपने मतों का इस्तेमाल किया। सत्ता पक्ष के सांसदों ने इस पर जोर दिया और दोनों सदनों में यह बिल पास हो गया।
सदन में बिल पास होने के बाद अब मुस्लिम पक्ष से जुड़े संगठनों और संस्थाओं ने विरोध करने का फैसला किया है। तमिलनाडु सरकार ने तो बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात भी कही है। कुल मिलाकर वक्फ बोर्ड बिल पर सियासत जारी रहने वाली है।
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