आपको बता दें कि कांग्रेस और सपा के बीच यूपी उपचुनाव और हरियाणा विधानसभा चुनाव में गठबंधन नहीं हो पाया था। इधर महाराष्ट्र में भी सपा ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इसके बावजूद पार्टी गठबंधन की उम्मीद लगाए बैठी है। महाराष्ट्र चुनाव में सपा को अभी गठबंधन की प्रतिक्रिया का इंतजार है। सपा ने जिन 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, उन पर नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 4 नवंबर है। अगर बात बनी तो सपा नेतृत्व कुछ उम्मीदवारों को मैदान से हटाने पर विचार कर सकता है।
पिछले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सपा ने दो सीटें जीती थीं। इस बार इन दो सीटों समेत कुल 10 सीटों पर सपा उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। अगर सपा उम्मीदवार उतारती है तो इन सीटों पर मुस्लिमों और यूपी में रहने वाले लोगों के वोट बंट सकते हैं। इससे हार-जीत का फैसला कम अंतर से होने पर गठबंधन उम्मीदवारों को नुकसान हो सकता है।
पार्टी की महाराष्ट्र इकाई से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, कोशिश यह है कि अगर गठबंधन के तहत उन्हें 3-4 सीटें देने पर सहमति बन जाती है तो पार्टी बाकी सीटों पर अपने उम्मीदवार वापस ले सकती है। नहीं तो सपा इन सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ेगी। यूपी से प्रचार वाहन भी भेजे जा सकते हैं। सपा की मुंबई इकाई के अध्यक्ष अबू आसिम आजमी का कहना है कि वे गठबंधन के जवाब का इंतजार कर रहे हैं। नामांकन वापसी का समय खत्म होने के बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।