अलीगढ़ के हर्षित वार्ष्णेय ने इस हादसे को बेहद करीब से देखा। उन्होंने कहा, जो कुछ भी देखा, उसे जिंदगी में भुलाया नहीं जा सकता। हर्षित ने बताया कि वह अलीगढ़ से अपने चार दोस्तों के साथ मंगलवार सुबह प्रयागराज पहुंचे थे। रात करीब 9 बजे हम सभी संगम तट पर थे। धीरे-धीरे भीड़ बढ़ती जा रही थी। थोड़ी ही देर में भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया कि वहां खड़ा होना भी मुश्किल हो रहा था। हमने एक नाविक को 1100 रुपये दिए और उसे नाव में रात बिताने के लिए राजी कर लिया।
नाव पर पहले से ही अन्य लोग सवार थे। जैसे-जैसे समय बीतता गया, तट पर भीड़ का दबाव और भी बढ़ता गया। तट पर मौजूद लोग शुभ मुहूर्त के इंतजार में वहीं सो गए थे। इस बीच मेला प्रशासन घोषणा कर रहा था कि तट पर सो रहे लोग वहां से हट जाएं। तड़के शाही स्नान के लिए अखाड़े का जुलूस आने वाला था। इसी बीच रात करीब डेढ़ बजे अचानक चीख पुकार मच गई। मैंने देखा कि भीड़ का जुलूस आ रहा है।
किनारे पर सो रहे लोगों पर भीड़ चढ़ रही है। सो रहे लोगों को संभलने का मौका ही नहीं मिला। कुछ देर तक यही स्थिति रही। हम नाव से यह नजारा देख रहे थे और कुछ नहीं कर पा रहे थे। सुबह हादसे की खबर सुनकर परिजनों के फोन आने लगे। जब परिजनों को फोन पर सभी की खैरियत पता चली तो राहत मिली। बुधवार देर शाम सभी लोग अलीगढ़ के लिए रवाना हो रहे हैं। मामू भांजा के जीतू गुप्ता, पुनीत कुमार, अतरौली के पीयूष अग्रवाल, कनवरी गंज के पारस गुप्ता ने बताया कि भीड़ काफी ज्यादा थी। बढ़ती भीड़ को रोक पाना संभव नहीं था। हमारी आंखों के सामने ही कई लोग भीड़ में फंस गए थे।
बुधवार को भी अलीगढ़ से 200 से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज में मौजूद रहे। यहां अलीगढ़ से भी दो शिविर लगाए गए हैं। एक शिविर डॉ. अन्नपूर्णा भारती का है तो दूसरा पूर्णानंद पुरी का। इसके अलावा लोधा के अटलपुर के मोहनगिरी हितैषी का आह्वान अखाड़ा भी है। अलीगढ़ से गए लोग यहीं ठहरे हुए हैं। धीरे-धीरे जाने की तैयारी चल रही है। आज सुबह जब हादसे की खबर मिली तो प्रयागराज गए सभी लोग बेचैन हो गए। जब तक उनसे बात नहीं हुई, उन्हें संतुष्टि नहीं हुई।
बुधवार को प्रयागराज से परिवार के साथ लौटे रेलवे रोड कोर्ट ऑफ वार्ड निवासी मनीष अग्रवाल ऊन ने बताया कि बुधवार को स्थिति तेजी से सामान्य हुई। धीरे-धीरे वहां से लोगों के लौटने का सिलसिला जारी है। जो लोग अलीगढ़ के हैं और कैंपों में मौजूद हैं, उनके रहने और खाने की व्यवस्था कैंपों में ही की गई है। हादसे की जांच के लिए सरकार ने एक जांच कमेटी बनाई है। इस जांच कमेटी में अलीगढ़ नगर निगम के कमिश्नर रहे वीके सिंह भी शामिल हैं। इस तीन सदस्यीय कमेटी में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी वीके गुप्ता और इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस हर्ष कुमार शामिल हैं।