Lucknow News : डिजिटल इंडिया बनने के बाद डिजिटल क्राइम भी बढ़ गया है। डिजिटल जमाने में जहां ऑनलाइन ठगी की जा रही है वहीं ऑनलाइन गिरफ्तारी का डर दिखा कर मोटी रकम वसूली जा रही है। ताज़ा मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का है। जहां डिजिटल जालसाजों ने एक डॉक्टर की पत्नी को मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर न सिर्फ डिजिटल अरेस्ट कर लिया बल्कि छोड़ने की एवेज में 2.71 करोड़ रुपये की ठग लिये। ख़ास बात ये है कि डॉक्टर की पत्नी ने बैंक जाकर यह रकम जालसाजों के बताये खाते में ट्रांजक्शन की है। आरोपियों ने महिला को मनी लॉन्ड्रिंग का आरोपी बताते हुए व्हाट्सअप पर ही उसे अरेस्ट वारंट भेजा था।
आपको बता दें कि राजधानी लखनऊ के हजरतगंज के अशोक मार्ग पर डॉक्टर पंकज रस्तोगी पत्नी दीपा के साथ रहते हैं। दीपा के मुताबिक गत नौ जून को दोपहर करीब दो बजे उनके पास एक कॉल आई। फोन करने वाले ने खुद को एसबीआई कस्टमर केयर सर्विस विभाग का कर्मचारी बताया था। फोन पर बात करते हुए दीपा को कहा गया कि आपने गत दो अप्रैल को क्रेडिट कार्ड जारी कराया था। इस कार्ड से एक लाख नौ हजार की खरीदारी की गई है। दीपा ने इससे इन्कार किया तो उसने इसकी शिकायत करने की बात कही और एक फर्जी पुलिस अधिकारी से वीडियो कॉल कराई। डॉक्टर की पत्नी दीपा को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संदिग्ध बताते हुए जालसाजों ने तीन घंटे तक डिजिटली अरेस्ट रख 2.71 करोड़ ऐंठ लिए। पीड़िता ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कराया है। Lucknow News
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वीडियो कॉल में दीपा को एक वर्दी पहने युवक नजर आया था। जिसने अपना नाम रवि कुमार बताया और आईकार्ड दिखाने के बाद अपना कैमरा बंद कर लिया। इसके बाद कहा कि आपकी आईडी का गलत इस्तेमाल हुआ है। दीपा से उनका आधार कार्ड मांगने के बाद व्हाट्सएप पर ही उन्हें अरेस्ट वारंट भेज दिया गया। साथ ही कहा गया कि आप मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में संदिग्ध हैं जिसके चलते किसी से बात नहीं कर सकती हैं। Lucknow News
रवि ने दीपा को बताया कि आप का कार्ड सुरेश के पास मिला है। साथ ही आप के बैंक खाते में 25 लाख डाले गए हैं। आपको सिर्फ सीनियर पुलिस अधिकारी नवजीत सिम्मी ही बचा सकती हैं। इसके बाद दीपा के पास नवजीत भी वीडियो कॉल पर आई। उनसे कहा कि मनी लॉड्रिंग में आपका अरेस्ट वारंट होल्ड पर रखा गया है। इसके बाद उसने दीपा को मोबाइल पर सुप्रीम कोर्ट का एक लिंक भेजा। लिंक खोलने पर दीपा से डायरी ईयर भरने को कहा, जिसे भरते ही उन्हें अरेस्ट वारंट मिल गया। Lucknow News
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डॉक्टर की पत्नी दीपा को बताया गया कि यदि आप गिरफ्तारी से बचना चाहती हैं तो आपको दो करोड़ 71 लाख 10 हजार रुपये देने होंगे। आपको यह रकम बाकायदा बैंक जाकर खुद ट्रांसफर करनी होगी। इस दौरान आप की सुरक्षा के लिए हम सादे कपड़ों में तीन कि.मी. के दायरे में रहेंगे। डिजिटल जालसाजों द्वारा भेजे गए अरेस्ट वारंट देखकर दीपा इतनी डर गई कि उसने बिना कुछ सोचे समझे रकम का भुगतान कर दिया। जब मामला परिजनों के सामने आया तो साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। डॉक्टर की पत्नी के साथ हुई डिजिटल ठगी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। Lucknow News