जौनपुर : एक ओर जहां मस्जिदों में मंदिर मिलने के बाद सर्वे अभियान शुरू हो गया है वहीं जौनपुर जिले के एक गांव में मुस्लिम समुदाय से जुड़े कुछ लोगों ने न सिर्फ खुद को हिन्दू मान लिया है बल्कि अपने पूर्वजों के तलाश में जुट गए है। कुछ मुस्लिम परिवार के लोगों ने अपने पूर्वजों के हिन्दू होने का दावा करते हुए अपने नाम के आगे दुबे,तिवारी सर नेम लगाना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं यहां के मुस्लिम अब गायों की सेवा करना भी शुरू कर दिए है।
मामला जौनपुर जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर केराकत तहसील के गांव डेहरी का है। यूँ तो यह गांव मुस्लिम बाहुल्य गांव है लेकिन मस्जिदों में मंदिर के प्रमाण मिलने से यहां के मुसलमानों ने दो साल पहले अपने पूर्वजों की तलाश करनी शुरू कर दी। गांव के नौशाद अहमद अब नौशाद अहमद दुबे हो गए है। नौशाद बताते है कि उन्होंने अपने पूर्वजों के बारे में जानकारी इकट्ठा की तो पता चला कि उनके पिता लाल बहादुर दुबे से लाल बहादुर शेख हुए थे और वो लोग आजमगढ़ के रहने वाले थे। पूर्वजों की तलाश के बाद नौशाद अहमद ने अपने नाम के आगे दुबे लगा लिया। नौशाद अब गायों की सेवा भी करते है। हालांकि नौशाद के घर के किसी अन्य सदस्य ने अपना सर नेम चेंज नहीं किया है।
वही इसी गांव में शेख अब्दुला अब शेख अब्दुला दुबे हो गए है। अब्दुला ने बताया कि उन्होंने भी अपने पूर्वजों की खोज की और अब वो दुबे हो गए है। इसी गांव के एहतेशाम अहमद बताते है कि उनके भी पूर्वज हिंदू ब्राह्मण थे लेकिन अभी उन्होंने अपने नाम के आगे टाइटल नहीं लगाया। डेहरी गांव में कई घर ऐसे है जहां के मुस्लिम लोग अपने नाम के आगे दुबे,तिवारी जैसे टाइटल लगाने लगे है और गायों की सेवा करने लगे है। अब सवाल ये उठता है कि अचानक इन लोगों को ऐसी क्या जरूरत आ गई जो पूर्वजों को खोजने लगे और अजब खोज लिए तो महज परिवार के एक सदस्य का टाइटल ही क्यों चेंज किया। Jaunpur
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