क़ारी गोरा ने कहा कि मुसलमान होने के नाते हमें याद रखना चाहिए कि इस्लाम में जिस्म पर टैटू गुदवाने की कोई इजाज़त नहीं है। यह अमल शरीअत की नज़र में हराम और नापसंदीदा है, क्योंकि यह अल्लाह की बनाई हुई फ़ितरी सूरत में तब्दीली करने जैसा है, जिसे क़ुरआन और हदीस में साफ़ तौर पर मना किया गया है। उन्होंने हदीस का हवाला देते हुए कहा कि हज़रत नबी करीम सा॰ ने उन लोगों पर लानत फ़रमाई है जो जिस्म में नक़्श व निगार बनवाते हैं और अल्लाह की बनाई सूरत को बदलते हैं।
उन्होंने तौक़ीद की कि जिन लोगों ने पहले से टैटू गुदवाए हैं, उन्हें फ़ौरन तौबा करनी चाहिए और जहाँ मुमकिन हो, उस टैटू को हटवाना चाहिए। और जो लोग यह इरादा रखते हैं कि आने वाले वक़्त में टैटू बनवाएँगे, उन्हें चाहिए कि इस इरादे से बाज़ आएं और अल्लाह से हिदायत की दुआ करें। आख़िर में मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा ने यह दुआ की: “अल्लाह तआला हमें दीन की सही समझ और उस पर अमल करने की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए।”