बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली में धर्मांतरण कराने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। इस गिरोह में शामिल मदरसा संचालक अब्दुल मजीद समेत चार आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। पुलिस की जांच में गिरोह का एक और मदरसा अवैध पाया गया है। पुलिस अब दोनों मदरसों की कमेटियों में शामिल सदस्यों की तलाश कर रही है। पहले भुता के मदरसे का रिकॉर्ड नहीं मिला था, अब करेली के मदरसे का भी यही हाल सामने आया है। दस दिन पहले धर्मांतरण मामले में एसपी दक्षिणी अंशिका वर्मा ने खुलासा कर चार आरोपियों को कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट के आदेश पर सभी को जेल भेज दिया गया था।
बता दें कि अलीगढ़ निवासी अखिलेश कुमारी ने भुता थाने में मामले की सूचना दी थी। फैजनगर गांव के मदरसे से जुड़े एक मामले में उनके नेत्रहीन बेटे जीआईसी प्रवक्ता प्रभात उपाध्याय को दूसरी शादी का लालच देकर धर्मांतरण कराया जा रहा था। मुख्य आरोपी फैजनगर गांव निवासी अब्दुल मजीद, सुभाषनगर के करेली निवासी सलमान, सैदपुर चुन्नीलाल भोजीपुरा निवासी मोहम्मद आरिफ और मोहम्मद फईम को जेल भेज दिया गया था। कुछ दिन पहले अल्पसंख्यक विभाग की जांच में मजीद का फैजनगर स्थित मदरसा अवैध पाया गया था। अब करेली स्थित मदरसे का रिकॉर्ड भी नहीं मिला है। इस मदरसे का संचालन आरिफ करता था। उसका सहयोगी करेली निवासी ब्रजपाल था, जिसने धर्मांतरण कराया था।
धर्मांतरण मामले के पांचवें आरोपी रहपुरा चौधरी गांव निवासी महमूद बेग को पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पुलिस उसे वांछित बता रही है, जबकि उसकी पत्नी ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि वह पुलिस हिरासत में है। आरोप है कि 20 अगस्त को सादे कपड़ों में पुलिस उसके पति को उठाकर ले गई। उसे आशंका है कि पुलिस उसका एनकाउंटर कर सकती है। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जफीर अहमद और सलिल कुमार राय ने पुलिस अधिकारियों से इस संबंध में जानकारी मांगी है। एसएसपी को निर्देश दिया गया है कि वह 8 सितंबर को हाईकोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर आरोपियों की तलाश कर उन्हें पेश करें। एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव के नेतृत्व में गठित टीम महमूद बेग की तलाश में जुटी है।
जमीयत उलमा के राष्ट्रीय सचिव नियाज अहमद फारूकी ने बताया कि बरेली से धर्मांतरण के मामले में महमूद बेग और हाफिज अकील को हिरासत में लिए जाने की जानकारी मिली है। दोनों के परिजनों ने अपने संगठन के अध्यक्ष महमूद मदनी से मुलाकात की है। आरोप लगाया कि एसओजी उनका एनकाउंटर कर सकती है। अध्यक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील मुख्तार आलम से बात की। हाफिज अकील के परिवार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में परिवाद दायर किया। कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने जांच की तो हाफिज अकील निर्दोष पाया गया। पुलिस ने बुधवार रात उसे रिहा कर दिया।
एसपी दक्षिणी अंशिका वर्मा ने बताया कि उन्होंने इस मामले में अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी से सत्यापन व अन्य रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने बताया कि जिले में केवल 425 मदरसे ही वैध हैं। बाकी मदरसे बिना पंजीकरण के चल रहे हैं। आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।