सहारनपुर : एक ओर जहाँ जिला प्रशासन यमुना नदी में आई बाढ़ में व्यस्त है, वहीं खनन माफिया इसका फायदा उठाकर यमुना नदी में अवैध खनन करने में जुटे हैं। बरथा कोरसी गाँव के पास यमुना नदी में अवैध खनन किया जा रहा है। खनन माफिया द्वारा उप-खनिज आरबीएम के अवैध खनन के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने पर जिला प्रशासन हरकत में आया और आनन-फानन में खनन और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम बनाकर अवैध खनन की जाँच शुरू कर दी। जाँच की गई तो पता चला कि मौके पर 2216 घन मीटर अवैध खनन किया गया है। इसमें खनन निरीक्षक ने अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
बता दें कि पहाड़ों और मैदानी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण यमुना नदी में बाढ़ के हालात बन गए हैं। जिला प्रशासन यमुना किनारे के बाढ़ प्रभावित इलाकों पर नज़र बनाए हुए है। प्रशासन की व्यस्तता का फायदा उठाकर खनन माफिया यमुना नदी में अवैध खनन कर रहे हैं।
29 अगस्त को बरथा कोरसी गांव के पास यमुना नदी की भूमि से अवैध खनन के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए थे। इनके वायरल होने के बाद डीएम ने इसकी जांच के लिए खनन और राजस्व विभाग की टीम गठित की थी। जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच टीम ने मौके पर जाकर जांच की तो पाया कि जिन गड्ढों में पहले अवैध खनन किया गया था, उन्हीं गड्ढों में दोबारा उपखनिज आरबीएम का अवैध खनन किया गया है।
अवैध खनन की पैमाइश की गई। इसमें खसरा नंबर एक में 0.108 क्षेत्रफल से 2216 घन मीटर उपखनिज आरबीएम का अवैध खनन किया गया था। मौके पर डंपरों के टायरों के निशान भी मिले, जो तीन-चार स्टोन क्रशरों तक फैले थे। क्रशर भंडारण स्थल पर लगे कैमरों और भंडारण की भी जांच की गई, लेकिन जांच में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि क्रशर मालिकों द्वारा अवैध खनन किया गया था। खनन निरीक्षक अभिलाष चौबे ने जांच के बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ अवैध खनन की रिपोर्ट दर्ज कराई है। Saharanpur News