लखनऊ : उत्तर प्रदेश में जातिसूचक या धार्मिक शब्द लिखे वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जातिसूचक शब्दों वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। परिवहन विभाग के अधिकारी अब कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं। वे यह भी विचार कर रहे हैं कि किन शब्दों का इस्तेमाल करके वाहनों पर कार्रवाई की जा सकती है।
राज्य के अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) संजय सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद परिवहन विभाग ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है। विभाग को लिखित आदेश मिलते ही राज्यव्यापी अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। वाहनों पर किसी भी प्रकार के शब्द लिखना प्रतिबंधित है। सभी वाहन मालिकों को इसका पालन करना होगा। ऐसा न करने पर जुर्माना और सजा का प्रावधान है।
उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद कार्रवाई की तैयारी फिर से शुरू हो गई है। परिवहन विभाग उन बस संचालकों के खिलाफ भी कार्रवाई पर विचार कर रहा है जो अपनी फर्मों का पंजीकरण जाति के आधार पर कराते हैं, क्योंकि वे बसों पर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। नए आदेश के तहत ऐसे वाहनों पर नकेल कसने की रणनीति बनाई जा रही है।
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार इस आदेश को लागू करने के लिए तैयार है। ऐसे वाहनों का धारा 192 और धारा 179 के तहत चालान किया जाएगा। पहला जुर्माना ₹500 से ₹5,000 तक होगा। दूसरा जुर्माना ₹10,000 और एक साल तक की कैद हो सकती है। हाईकोर्ट ने जातिगत भेदभाव को खत्म करने के लिए वाहनों पर जातिसूचक शब्द न लिखने का आदेश दिया है। अगर किसी भी वाहन पर जातिसूचक शब्द लिखे पाए जाते हैं, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने भी निर्देश जारी किए हैं। हालाँकि, परिवहन विभाग को अभी तक कोई लिखित आदेश नहीं मिला है।
तत्कालीन अपर परिवहन आयुक्त मुकेश चंद्र ने 2020 में एक आदेश जारी कर लाइसेंस प्लेट या विंडशील्ड पर जातिसूचक शब्द लिखे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे। इसके बाद परिवहन विभाग, पुलिस और यातायात पुलिस ने अभियान चलाकर कार्रवाई की। यह अभियान कुछ दिन चला, लेकिन पिछले तीन साल से जातिसूचक शब्द लिखे किसी भी वाहन का चालान नहीं किया गया। CM Yogi

