सहारनपुर : सहारनपुर में स्वास्थ्य विभाग के एक क्लर्क को एंटी करप्शन टीम ने 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी बाबू एक मृतक आश्रित से चार साल से नौकरी के नाम पर 50 हजार रुपये की मांग कर रहा था। स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया विभाग में तैनात क्लर्क राकेश कुमार को एंटी करप्शन टीम ने 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। थाना सदर बाजार पुलिस ने संबधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर एंटी करप्शन मेरठ की अदालत में पेश किया जा रहा है।

आपको बता दें कि नवादा तिवाया निवासी शशिबाला स्वास्थ्य विभाग में नौकरी करती थी, जिसकी करीब चार साल पहले मौत हो गई थी। शशि बाला की मौत के बाद उसकी बेटी को मृतक आश्रित के तौर पर नौकरी मिलनी थी। स्वास्थ्य विभाग का आरोपी क्लर्क राकेश कुमार चार साल से उसकी फाइल आगे बढ़ाने के लिए 50 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था। जब वे रिश्वत देने से मना करते तो उन्हें लगातार परेशान किया जाता था।
क्लर्क की हरकतों से तंग आकर पीड़िता ने क्लर्क के खिलाफ शिकायत करनी पड़ी। महिला के पति मनोज कुमार ने दो दिन पहले एंटी करप्शन ऑफिस पहुंचकर शिकायत कर दी। एंटी करप्शन टीम ने क्लर्क को रंगेहाथ पकड़ने की योजना बनाई और शुक्रवार को क्लर्क को 10 हजार रुपये की रिश्वत दी गई। इस दौरान एंटी करप्शन टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया। इसके बाद उसे सदर थाना बाजार ले आया गया।
सीएमओ परवीन कुमार ने बताया कि नवादा तिवाया निवासी शशिबाला स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत थी। करीब चार साल पहले उसकी मौत हो गई थी। शशिबाला की दो बेटियां हैं और उसकी मौत के बाद एक बेटी को मृतक आश्रित कोटे में नौकरी मिलनी थी। शिकायत के आधार पर एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाने की योजना बनाई। योजना के मुताबिक, जैसे ही मनोज कुमार ने आरोपी बाबू राकेश कुमार को 10 हजार रुपये दिए, टीम ने तुरंत उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। इसके बाद आरोपी को सदर बाजार थाने लाया गया, जहां उससे पूछताछ की जा रही है। Saharanpur News
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