सहारनपुर : उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में चल रहे ऐतिहासिक मेला गुघाल में रविवार देर रात उस समय हड़कंप मच गया जब झूला अचानक टूटकर नीचे गिर गया। मेले में लगा एक झूला अचानक टूटकर नीचे गिर गया। हादसे में कई लोग घायल हो गए। मौके पर मौजूद लोगों ने आनन-फानन में झूले के नीचे दबे लोगों को बाहर निकाला और अस्पताल में भर्ती कराया। गनीमत रही कि सभी घायल खतरे से बाहर हैं और किसी की हालत गंभीर नहीं है।
बता दें कि मेला गुघाल सहारनपुर जिले में नगर निगम द्वारा आयोजित किया जाता है। यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक बड़ा मेला माना जाता है जो एक महीने तक चलता है। जहाँ उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली और पंजाब समेत कई राज्यों से श्रद्धालु मेले में आते हैं। मेले का ठेका नगर निगम ने 3 करोड़ 70 लाख रुपये में दिया है। इसके बावजूद, मेला परिसर में न तो अच्छी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं और न ही मेले में लगे झूले जंग खाए और बेहद पुराने हैं। खास बात यह है कि पैसा कमाने की होड़ में झूलों को चलाने के लिए सस्ते कारीगर रखे गए हैं। जो अप्रशिक्षित बताए जा रहे हैं। जिसके चलते मेले में झूलों के टूटने से हादसे हो रहे हैं।
रविवार देर रात थाना कुतुबशेर क्षेत्र में मेला घुघाल चल रहा था। मेले में आए लोग झूले पर झूल रहे थे। अचानक झूला टूटकर जमीन पर गिर गया। झूले पर बैठे लोग भी झूले के नीचे दब गए। झूला टूटने से मौके पर अफरा-तफरी मच गई। इस हादसे में कई लोग घायल हो गए। झूला टूटने की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन भी मौके पर पहुंच गया। लोगों की मदद से सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, झूले के संचालन में लापरवाही बरती गई है। जिसके चलते यह हादसा हुआ। हादसे के बाद मेला प्रशासन और आयोजक मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, स्थानीय लोगों ने नाराजगी जताते हुए मांग की है कि झूला संचालक और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएं दोबारा न हों। वहीं, पुलिस और नगर निगम के अधिकारी मेले में हुए हादसे में हुई लापरवाही की जांच करने के बजाय मामले को दबाने में लगे हैं। यही वजह है कि कोई भी अधिकारी इस मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।