खांसी की सिरप मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार

High Court has given a major ruling In the cough syrup case

प्रयागराज : नशीली खांसी की सिरप मामले में मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल समेत सभी 40 आरोपियों को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की याचिकाएं खारिज कर दी हैं। कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत कार्रवाई का निर्देश दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य के कुख्यात खांसी की सिरप मामले में दर्ज FIR को रद्द करने की अर्जी भी खारिज कर दी है।

High Court has given a major ruling In the cough syrup case

मुख्य आरोपी शुभम अग्रवाल समेत 40 आरोपियों ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने और FIR रद्द करने के लिए याचिकाएं दायर की थीं। शुक्रवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपियों की याचिकाएं खारिज कर दीं। इससे आरोपियों की गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है। कोडाइन-आधारित खांसी की सिरप मामले की जांच में, यूपी STF ने लखनऊ के आलमबाग के पास से सहारनपुर के रहने वाले दो आरोपियों अभिषेक शर्मा और शुभम शर्मा को गिरफ्तार किया।

पूछताछ के दौरान, शुभम जायसवाल के पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ, जिस पर 25,000 रुपये का इनाम था। दोनों ने STF को बताया कि वे विशाल और विभोर राणा के लिए काम करते थे। विशाल और विभोर का शुभम जायसवाल के साथ कारोबारी रिश्ता था। तीनों मिलकर कोडाइन-आधारित खांसी की सिरप की तस्करी करते थे। खेप वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर और आगरा समेत अन्य जगहों से फर्जी ई-वे बिल का इस्तेमाल करके बंगाल और दूसरी जगहों पर भेजी जाती थी। विशाल और विभोर के नेटवर्क के जरिए सिरप देश के कई राज्यों में सप्लाई किया जाता था।

इस बीच, शुभम ने अपने पिता भोला जायसवाल के नाम पर रांची में एबॉट कंपनी से सुपर स्टॉकिस्ट लाइसेंस लिया और खुद को बाकी दोनों से अलग कर लिया। इसके बाद, लाइसेंस और दस्तावेजों की आड़ में उसने खांसी की सिरप की बड़े पैमाने पर सप्लाई को कानूनी खेप के तौर पर दिखाया। सुपर स्टॉकिस्ट बनने के बाद, शुभम की सप्लाई चेन पहले से कहीं ज़्यादा मज़बूत हो गई। सहारनपुर में गिरफ्तार दोनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि सिरप की कई खेप सीधे रांची से उत्तर प्रदेश और हरियाणा के रास्ते भेजी गईं।

गाजियाबाद में कोडाइन सिरप का एक गोदाम बनाया गया था। ड्रग डिपार्टमेंट की जांच में पता चला कि शुभम अपनी फर्म, शैली ट्रेडर्स का इस्तेमाल करके हिमाचल प्रदेश की एक फर्म से सिरप मंगवाता था और उसे गाजियाबाद के एक वेयरहाउस में स्टोर करता था। इसके बाद वह जाली कंपनी के डॉक्यूमेंट्स तैयार करके सिरप को आगरा, लखनऊ और वाराणसी सप्लाई करता था। वाराणसी से कोडिन सिरप की बड़ी खेप सोनभद्र के रास्ते झारखंड और पश्चिम बंगाल भेजी जाती थी। वहां से इसे आगे बांग्लादेश और नेपाल में बांटा जाता था।

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