सहारनपुर : उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की जिला कारागार में जेल में बंदियों से अवैध वसूली और उत्पीड़न का मामला सामने आया है। जहां जेल में सुविधाओं और परिजनों से मिलाई के नाम पर न सिर्फ अवैध वसूली की जाती है बल्कि मना करने वाले कैदी का उत्पीड़न किया जाता है। जिसके चलते जेल प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए हेड वार्डर जगदीश प्रसाद निम को निलंबित कर दिया है। आरोपों की पुष्टि होने के बाद जेल अधीक्षक ने यह कार्यवाई की है। वहीं निलंबन के बाद हेड वार्डर ने डीआईजी जेल को पत्र भेजकर जेलर पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं, जिसके आधार पर अब जेलर के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है।
आपको बता दें कि सहारनपुर जेल में तैनात हेड वार्डर जगदीश प्रसाद निम पर कुछ बंदियों ने उत्पीड़न कर अवैध वसूली का आरोप लगाया था। मामले की शिकायत 8 मई को वरिष्ठ जेल अधीक्षक सत्य प्रकाश को की गई थी। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जेल अधीक्षक ने बंदियों से पूछताछ की, जिसमें आरोप सही पाए गए। इसके बाद हेड वार्डर से स्पष्टीकरण मांगा गया, लेकिन वह न तो जवाब देने आया और न ही जांच में किसी तरह का सहयोग किया। इतना ही नहीं जब उन्हें ऑफिस बुलाकर पूछताछ के दौरान उसका पक्ष जानना चाहा तो उसने अफसरों के साथ ही अभद्रता कर दी। जिसके चलते जेल अधीक्षक ने उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
निलंबन के बाद हेड वार्डर जगदीश प्रसाद निम ने डीआईजी जेल को पत्र लिखकर उल्टा जेल प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जेल में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। जेलर साहब समय पर ड्यूटी पर नहीं आते हैं और कई अन्य अनियमितताएं भी चल रही हैं। इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए डीआईजी जेल ने अलग-अलग दो टीमें गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। एक हेड वार्डर के खिलाफ और दूसरी जेलर पर लगे आरोपों पर जांच बिठा दी है। डीआईजी जेल ने कहा है कि दोनों मामलों की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। Saharanpur News
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