सहारनपुर : पूर्व बसपा एमएलसी और खनन माफिया हाजी इकबाल की ग्लोकल यूनिवर्सिटी ईडी की जांच के बाद जब्त कर ली गई है। जिसके बाद जहां 700 लोगों के स्टाफ के लिए मश्किलें खड़ी हो गई हैं वहीँ हजारों छात्रों का भविष्य में अधर में लटक गया है। हाजी इकबाल ने अवैध खनन एवं अवैध तरीके से कमाई गई सम्पत्ति से ग्लोकल यूनिवर्सिटी को खड़ा किया था। जांच में यह भी सामने आया है कि हाजी इकबाल की इस यूनिवर्सिटी में बसपा सुप्रीमो मायावती के सलाहकार एवं पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाह की काली कमाई का हजारों करोड़ रुपया भी लगा हुआ है। हैरत की बात तो ये है कि अपनी आदत से मजबूर हाजी इकबाल ने बाबू सिंह कुशवाह के हजारों करोड़ रूपये को हड़पने के लिए उन्हें धोखा दे दिया।
इतना ही नहीं जब बाबू सिंह कुशवाह ने अपने रुपयों का हिसाब मांगा तो हाजी इकबाल ने बाबू सिंह की शिकायत बसपा हाईकमान मायावती से कर दी थी। यही वजह रही की मायावती ने न सिर्फ तत्कालीन बसपा सरकार के मंत्रिमंडल से बाबू सिंह कुशवाह को बर्खास्त कर दिया था बल्कि उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला भी दर्ज किया गया था। उधर बसपा सुप्रीमो के रहमोकरम से हाजी इकबाल की काली कमाई से बनाया गया साम्राज्य फलता-फूलता रहा और वह दस हजार करोड़ से अधिक का मालिक बन गया था। इकबाल के समाजवादी पार्टी के साथ भी अच्छे रिश्ते हैं, यही वजह रही कि सपा सरकार में भी सहारनपुर में उसका अवैध खनन का कारोबार चलता रहा।
ईडी की जांच के जब्त की गई ग्लोकल यूनिवर्सिटी, संकट में हजारों छात्रों का भविष्य
आपको बता दें कि गांव मिर्जापुर पोल निवासी हाजी इकबाल कभी लकड़ी की मामूली टाल और फलों की दुकान चलाता था। इसके बाद उसने अपने घर में ही परचून की दूकान खोली। मामूली दूकान चलाने वाला हाजी इकबाल बसपा सरकार में देखते ही देखते 700 एकड़ में फैली आलीशान ग्लोकल यूनिवर्सिटी का मालिक बन गया। अचानक 150 से ज्यादा कंपनियां और 40 से ज्यादा फर्मे खोल लीं। सहारनपुर और आसपास के इलाके में खनन का सबसे बड़ा कारोबारी बन गया। पैसों की चकाचौंध ने राजनीति में एंट्री कराई तो बसपा सरकार में कद्दावर मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की मदद से एमएलसी का पद भी हासिल कर लिया। सहारनपुर के थाना मिर्जापुर इलाके के रहने वाले मोहम्मद इकवाल उर्फ़ बाल्ला के कुछ ऐसे ही काले कारनामे इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) की फाइलों में दर्ज हो गए थे। ईडी को जांच में खुलामा हुआ था कि पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा ने एनआएनएम घोटाले को काली कमाई में से एक हजार करोड़ रुपये मोहम्मद इकबाल को कैश दिए थे जिसे सफेद करने के लिए ग्लोकल यूनिवर्सिटी में रखवाया गया था। Haji Iqbal News
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जानकारी के अनुसार यह रकम बापू सिंह कुशवाह ने अपनी काली कमाई को सफेद करने के लिए पूर्व एमएलसी इकबाल को दी थी। हाजी इकबाल ने इसके बाद दिल्ली में करीब 150 फर्जी कंपनियां खोली और शेयर आदि में निवेश करना शुरू शुरू कर दिया था। ज्यादातर कंपनियों के डायरेक्टर नौकर, ख़ासमख़ास ड्राइवर और नजदीकी रिश्तेदारों को बनाया हुआ था। जांच हुई तो करीब 4 कंपनियों के पते भी फर्जी निकले थे। इकबाल ने फर्जी कंपनियों में खपाई गयी रकम को दोबारा हासिल कर ग्लोकल यूनिवर्सिटी में खपा दिया था। ईडी ने कवायद को मनी लांडिंग माना है। साथ ही वह बड़े पैमाने पर यूनिवर्सिटी को दिए गये संदिग्ध डोनेशन और 11 शुगर मिल खरीदने की जांच भी की गई।
दरअसल एनआरएचएम घोटाले की जांच के दौरान सीबीआई ने जब बाबू सिंह कुशवाह पर शिंकजा कसा तो पूर्व बसपा एमएलसी हाजी इकबाल का नाम सामने आया। ईडी ने बाबू सिंह कुशवाह और हाजी इकबाल के पीछे 1-2 नहीं बल्कि 13 जांच एजेंसियां पड़ गई। पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। जिसके बाद पुरे मामले की मॉनिटरिंग होने लगी। ईडी ने एमएलसी रहे हाजी मोहमद इकबाल की जाँच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी। Haji Iqbal News
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ईडी ने इकबाल को राजधानी स्तिथ जोनल मुख्यालय में तलब किया था। ताकि पूछताछ में हाजी इकबाल लेन देन के प्रमाण सामने रख सके और अपना पक्ष बता दे लेकिन हाजी इकबाल पर बेनामी सम्पत्ति का नशा इस कदर हावी था कि हाजी इकबाल ईडी मुख्यालय में पेश नहीं हुए थे। जिसके बाद हाजी इकबाल पर शिंकजा कसना शुरू होता चला गया। दरअसल सहारनपुर निवासीरणधीर सिह ने हाजी मोहम्मद इकबाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। जिसके बाद कोर्ट ने उनकी आय के स्रोतों को जांचने और एजेंसियों को उनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। Haji Iqbal News
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गौरतलब है कि बसपा सरकार में ही नहीं बल्कि 2012 में आई सपा सरकार में भी हाजी इकबाल के नाम का सीक्का चलता था। हाजी इकबाल ने खनन कारोबार का बेताब बादशाह बन चुका था। जिसके चलते उसने खनन करके यमुना नदी की भौगोलिक संरचना को बिगाड़ दिया था। 2017 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी की योगी सरकार आई तो हाजी इकबाल के उलटे दिन शुरू हो गए। जांच शुरू हुई तो हाजी इकबाल के काले कारनामों से पर्दा उठता चला गया। बीजेपी सरकार आते ही हाजी इकबाल के परिवार से पीड़ित लोग भी आमने आने लगे। एक के बाद एक दर्जनों मुकदमे हाजी इकबाल, उनके एमएलसी भाई महमूद और बेटों के खिलाफ दर्ज हो गए। जिसके चलते भाई महमूद अली और हाजी इकबाल के बेटे जेल में बंद हैं। Haji Iqbal News