सीमा हैदर की कहानी पहले भी सोशल मीडिया से लेकर न्यूज चैनलों तक सुर्खियों में रही है। ऑनलाइन गेम PUBG के जरिए वह ग्रेटर नोएडा के रहने वाले सचिन मीना से जुड़ी और दोनों के बीच प्रेम संबंध विकसित हो गए। इसके बाद सीमा अपने चार बच्चों के साथ भारत आ गई। अब वह सचिन के साथ नोएडा में रह रही है और हाल ही में दोनों का एक बच्चा भी हुआ है। सरकार के ताजा फैसले के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या इसका असर सीमा हैदर पर भी पड़ेगा। हालांकि पुलिस विशेषज्ञों के मुताबिक सीमा पर इसका कोई सीधा असर नहीं होगा। क्योंकि सीमा वीजा के जरिए भारत नहीं आई थी, बल्कि अवैध तरीके से सीमा पार कर भारत में दाखिल हुई थी। उसके खिलाफ मामला कोर्ट में लंबित है और जब तक कोर्ट कोई फैसला नहीं देता, तब तक उसे देश से बाहर नहीं निकाला जा सकता। जेवर कोतवाली पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और केंद्र सरकार से कानूनी राय भी मांगी गई है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पूरी कानूनी प्रक्रिया के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। बता दें कि पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में लगातार तनाव बना हुआ है। भारत सरकार के इस फैसले को राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से अहम और रणनीतिक कदम माना जा रहा है। पुलवामा आतंकी हमले के छह साल बाद धरती का स्वर्ग फिर से मासूमों के खून से लथपथ हो गया। पहलगाम के ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ बैसरन में हुए आतंकी हमले ने पुलवामा के जख्मों को हरा कर दिया है, जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे।सोमवार तक अपनी हरियाली के लिए मशहूर बैसरन घाटी के हरे-भरे खेत मंगलवार दोपहर खून से लाल हो गए। हर तरफ मासूमों की लाशें पड़ी थीं और रोते-बिलखते परिजन। इस भयावह मंजर ने 14 अप्रैल 2019 को हुए पुलवामा हमले के जख्मों को ताजा कर दिया, जहां आतंकियों ने आत्मघाती हमला किया था। आतंकियों ने पहलगाम में भी कुछ ऐसा ही किया, जहां पहले उन्होंने लोगों से उनका धर्म पूछा और फिर भरोसा होने के बाद अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं, जिसमें 26 लोग मारे गए। आतंकियों की इस कायराना और अमानवीय हरकत ने हमेशा पर्यटकों से भरी रहने वाली बैसरन घाटी में आतंक के सिर्फ निशान ही छोड़े हैं। अभी तक कश्मीर में पर्यटकों पर इतना बड़ा हमला नहीं हुआ है। पिछले साल 18 मई की रात को आतंकवादियों ने दो जगहों पर हमला किया था। इनमें से एक पहलगाम के पास था और दूसरा एक खुले पर्यटक शिविर में था। Pahalgam Attack