गाजीपुर : उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एआरटीओ के पद पर तैनात सौम्या पांडेय विभागीय जांच और भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी पाई गईं। जिसके बाद उन्हें लखनऊ मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है। जिलाधिकारी और एडीएम, एसपी सिटी द्वारा की गई जांच रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की गई है। एआरटीओ सौम्या पांडेय के पास पूर्व में शासन और बदलाव का पावर था, जिसके चलते उन्होंने खूब मनमानी की थी।
आपको बता दें कि सौम्या पांडेय ने इस दौरान कई गलत काम किए थे, जिसमें ट्रकों से अवैध वसूली, ड्राइवरों से जबरन पैसे लेना शामिल है। बिहार के बक्सर निवासी पंकज सिंह और लखनऊ के विपिन बाबू ने इसकी शिकायत मुख्य सचिव से की थी। ऐसे में शासन के निर्देश पर डीएम ने पूरे मामले की जांच एडीएम, एसपी सिटी और आरटीओ वाराणसी से कराई और जांच में पूरा मामला सही पाया गया, जिसके बाद सौम्या पांडेय के खिलाफ यह कार्रवाई की गई।
एआरटीओ सौम्या पांडेय ने अगस्त माह में कई ट्रकों का ओवरलोडिंग में चालान किया था। इस दौरान सौम्या ने अपने ड्राइवर और एक अन्य व्यक्ति के माध्यम से 50 हजार से अधिक की मांग की थी। हालांकि, जब ड्राइवर ने पैसे नहीं दिए तो एआरटीओ के निर्देश पर ड्राइवर और उसके सहयोगी ने ट्रक का एक्सल खोलकर आरटीओ कार्यालय में जमा कर दिया। इसके बाद जब ड्राइवर आरटीओ कार्यालय पहुंचा तो उसने पाया कि एक्सल उनके कार्यालय में रखा हुआ था और उस समय पीआरबी 112 के पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। Gazipur
इसके अलावा हाल ही में जब परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह बलिया से लखनऊ जा रहे थे तो उन्होंने खुद कासिमाबाद के पास ओवरलोड ट्रकों को पकड़ा था। ऐसे में कार्रवाई करने के लिए उन्होंने एआरटीओ सौम्या पांडेय को बुलाया, लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी वह नहीं पहुंचीं। इसके बाद परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बलिया के एआरटीओ को बुलाकर उन ट्रकों पर कार्रवाई कराई।
मेडिकल लीव पर हैं सौम्या
सौम्या पांडेय का अपना एक निजी ड्राइवर था, जो फोन पे और कैश के जरिए ट्रक मालिकों से अवैध वसूली का पैसा लेता था। मामले में सौम्या पांडेय के ड्राइवर सत्येंद्र यादव और बाहरी व्यक्ति कन्हैया को भी दोषी पाया गया। शिकायतकर्ता के अनुसार 2 फरवरी 2024 को बक्सर से आजमगढ़ जा रहे ट्रक को एआरटीओ और ड्राइवर ने रोका था। सभी कागजात सही पाए जाने के बाद उसे ओवरलोड दिखाकर पुलिस चौकी पर खड़ा कर दिया गया। एआरटीओ के ड्राइवर की मांग पर पंकज सिंह ने फोनपे पर ₹50000 भेजे, जिसके बाद 250 रुपये की रसीद जारी कर गाड़ी को छोड़ दिया गया। गाजीपुर के एआरटीओ के खिलाफ ऐसे दर्जनों मामले थे, जिनकी शिकायतें लगातार शासन से की जा रही थीं। सौम्या पांडेय पिछले डेढ़ महीने से मेडिकल लीव पर भी हैं। Gazipur
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