बुलंदशहर : उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की मुख्य POCSO कोर्ट ने NH-91 पर हुए कुख्यात मां-बेटी गैंग-रेप मामले में पांच आरोपियों को दोषी ठहराया है। यह घटना 28 जुलाई, 2016 को हुई थी, जिसने पूरे देश को हिला दिया था। हाईवे पर एक परिवार को बंधक बनाया गया था, और मां और बेटी के साथ गैंग-रेप किया गया था। घटना के बाद, बुलंदशहर पुलिस ने शुरू में 11 लोगों को आरोपी बनाया था। हालांकि, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने बाद में उनमें से तीन को बरी कर दिया। इस बीच, दो आरोपी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए।

मामले की सुनवाई मुख्य POCSO कोर्ट में चल रही थी। सुनवाई के दौरान एक आरोपी की मौत हो गई। आज, कोर्ट ने बाकी पांच आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 394 (डकैती करते समय जानबूझकर चोट पहुंचाना), 395 (डकैती), 397 (डकैती या लूट के दौरान मौत या गंभीर चोट पहुंचाने के इरादे से घातक हथियार का इस्तेमाल करना), 376D (गैंग-रेप), 120B (आपराधिक साजिश) और POCSO एक्ट की धारा 5/6 के तहत दोषी ठहराया। पांचों आरोपियों को दोषी पाए जाने के बाद, कोर्ट 22 दिसंबर को सजा सुनाएगी।
कोर्ट के फैसले के मुख्य बिंदु:
सजा की घोषणा: कोर्ट ने सभी पांच आरोपियों को दोषी ठहराया है, और सजा 22 दिसंबर को सुनाई जाएगी।
गंभीर आरोप: दोषियों पर गैंग-रेप (376D) और डकैती (395) के साथ-साथ POCSO एक्ट की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिसमें नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराधों के लिए अधिकतम सजा (आजीवन कारावास या मौत की सजा) का प्रावधान है।
CBI की भूमिका: मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, जांच CBI को सौंपी गई थी, जिसने सबूतों के आधार पर मामले को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया।
मामले की टाइमलाइन: एक नज़र में | विवरण | संख्या/स्थिति | कुल शुरुआती आरोपी | 11 | CBI द्वारा बरी किए गए | 03 | पुलिस मुठभेड़ में मारे गए | 02 | सुनवाई के दौरान मौत | 01 | आज दोषी ठहराए गए | 05

