सहारनपुर : पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ शुरू किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। पर्यटक महिलाओं के पतियों को गोली मारने के बाद “ऑपरेशन सिंदूर” के जरिए पाकिस्तान को कड़ी टक्कर दी गई थी। जिसके बाद इन दिनों सिंदूर का व्यापार हो रहा है। ऐसे में सहारनपुर के सुधीर सैनी ने पथरीली जमीन में सिंदूर उगाकर अनूठी मिसाल कायम की है। सिंदूर की खेती कर किसान सुधीर सैनी अपनी बहू और बेटियों की विदाई के लिए सिंदूर तैयार करने जा रहे हैं और दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा भी बन गए हैं। खास बात यह है कि सिंदूर की खेती पूरी तरह से जैविक तरीके से की जा रही है। सुधीर ने अपने खेत में सिंदूर के सैकड़ों पेड़ लगाए हैं। आसपास के किसान रोजाना इसकी जानकारी लेने सुधीर के पास पहुंच रहे हैं।
आपको बता दें कि भारतीय संस्कृति में विवाहित महिलाओं के लिए सिंदूर की काफी मान्यता है। लगभग हर दुकान पर सिंदूर मिल जाता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सिंदूर चूना, हल्दी और पारे को मिलाकर बनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिंदूर का एक पौधा होता है जिसे अंग्रेजी में कुमकुम ट्री या कैमलर ट्री कहते हैं। यह एक ऐसा पौधा है जिसके फल पाउडर और लिक्विड फॉर्म में सिंदूर जैसा लाल रंग देते हैं। कई लोग इसे लिक्विड लिपस्टिक भी कहते हैं क्योंकि इससे बना रंग आपके होठों को प्राकृतिक रूप से लाल कर देता है। Sindoor
दरअसल सिंदूर का पौधा दक्षिण अमेरिका और कुछ एशियाई देशों में उगाया जाता है। भारत में यह पौधा हिमाचल और महाराष्ट्र के कुछ चुनिंदा इलाकों में ही उगाया जाता है। सिंदूर का पौधा आसानी से दिखाई नहीं देता है। एक छोटा सा सिंदूर का पेड़ एक बार में एक से डेढ़ किलो सिंदूर का फल देता है। जबकि इसकी कीमत ₹400 प्रति किलो से ज्यादा है, इसका पेड़ 20 से 25 फीट ऊंचा होता है। सिंदूर के पेड़ से निकलने वाले फलों के बीजों को निकालकर प्राकृतिक सिंदूर तैयार किया जाता है, इससे किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है इस सिंदूर का इस्तेमाल माथे पर लगाने के अलावा पूजा में लाल रंग देने के लिए भी किया जाता है। सिंदूर के पेड़ से निकलने वाले फल का इस्तेमाल महंगी लिपस्टिक बनाने में भी किया जाता है।
हाल ही में सहारनपुर के खुशालीपुर गांव निवासी किसान सुधीर कुमार सैनी ने अपने खेतों में सिंदूर के कुछ पेड़ लगाकर इसकी खेती शुरू की है और आने वाले समय में वह सिंदूर की खेती को बढ़ाएंगे और लोगों को तैयार सिंदूर के पेड़ भी उपलब्ध करा रहे हैं। किसान सुधीर कुमार सैनी ने बताया कि उन्होंने बाहर से कुछ सिंदूर के पेड़ लाकर अपने खेत में लगाए हैं। जो सहारनपुर क्षेत्र में नहीं पाए जाते हैं, जबकि सहारनपुर का तापमान सिंदूर की खेती के लिए काफी अच्छा है।
सुधीर कुमार बताते हैं कि उन्होंने अपने खेत में कुछ पेड़ लगाकर यह प्रयोग किया है कि यहां सिंदूर की खेती कितनी सफल होगी। उनका प्रयोग सफल रहा और अब वह धीरे-धीरे सिंदूर की खेती को बढ़ा रहे हैं जिसके बाद एक बड़े पेड़ पर करीब 50 किलो सिंदूर के फल आसानी से उग आते हैं। जिनसे 7 से 8 किलो सिंदूर बनेगा. अगर किसी पौधे से इतनी मात्रा में सिंदूर प्राप्त होता है तो ये पौधा व्यापारिक दृष्टि से भी लाभदायक होगा। Saharanpur News