नई दिल्ली : पिछले 24 घंटे में असम से लेकर पाकिस्तान तक करीब 6 बार भूकंप के झटकों से धरती हिल गई। शुक्रवार रात नेपाल में 5.5 तीव्रता का भूकंप आया। इसके झटके बिहार और असम तक महसूस किए गए। लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप भारतीय समयानुसार सुबह 2:36 बजे आया। पाकिस्तान में सुबह 5:14 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए।

राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार नेपाल में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.5 रही। इसका केंद्र राजधानी काठमांडू से करीब 65 किलोमीटर पूर्व में सिंधुपालचौक जिले का भैरवकुंडा था। हालांकि अभी तक किसी के हताहत होने या नुकसान की खबर नहीं है। लेकिन झटके काफी तेज थे। लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। नेपाल में आए भूकंप के झटके पटना, सिक्किम और दार्जिलिंग तक महसूस किए गए। इसके अलावा तिब्बत तक धरती हिली।
ये भी पढ़िए…. दिल्लीवालों ने सुनी ‘पाताल लोक’ की आवाज, क्या थी वो, जानिए भूकंप में ये गड़गड़ाहट क्या थी?
शुक्रवार सुबह 5:14 बजे पाकिस्तान में दूसरा भूकंप आया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.5 मापी गई। भूकंप का केंद्र पाकिस्तान में बरखान के पास था। 16 फरवरी को पाकिस्तान में भी भूकंप आया था। हालांकि, यहां अभी तक किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। 27 फरवरी को म्यांमार, तिब्बत, ताजिकिस्तान और असम में भूकंप आया था। असम के मोरीगांव में सुबह 2:25 बजे तेज झटकों से लोग जाग गए। इसके झटके ओडिशा और पश्चिम बंगाल तक महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.0 मापी गई।
पिछले 24 घंटे में छह देशों में भूकंप के झटके महसूस किए गए।भारत तिब्बत नेपाल पाकिस्तान ताजिकिस्तान और म्यांमार में भूकंपसे धरती हिली गई। नेपाल में आए भूकंप का असर बिहार की राजधानीपटना तक महसूस किया गया। 27 फरवरी को असम में 5.0 तीव्रता काभूकंप आया। इसके झटके ओडिशा और बंगाल तक लोगों ने महसूस किए।
27 फरवरी को सुबह 6:27 बजे ताजिकिस्तान में भूकंप ने धरती को हिला दिया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.3 रही। यहां भी किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। 27 फरवरी को दोपहर 2:48 बजे तिब्बत में 4.1 तीव्रता का भूकंप आया। इसके कुछ घंटे बाद शाम 5:10 बजे म्यांमार में लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.2 रही।
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले दिल्ली में भी 4.0 तीव्रता का भूकंप आया था। लेकिन इसके झटके काफी शक्तिशाली थे। दिल्ली सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र में आती है। नेपाल भी दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्रों में से एक है। यहां भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है। नेपाल में भारतीय टेक्टोनिक प्लेट यूरेशियन प्लेट को सालाना करीब 5 सेंटीमीटर की दर से ऊपर उठा रही है। इसकी वजह से हिमालय भी ऊपर उठ रहा है और धरती की सतह के नीचे काफी तनाव पैदा हो रहा है। जब यह तनाव चट्टानों की क्षमता से ज्यादा हो जाता है तो भूकंप बन जाता है। 2015 में नेपाल में विनाशकारी भूकंप आया था। 7.8 तीव्रता के इस भूकंप में 9,000 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। 10 लाख से ज्यादा इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई थीं।
नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया News 14 Today के Facebook पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें...