मोहन भागवत : आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा है कि कुछ लोग निहित स्वार्थों के चलते उभरते भारत को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। सत्य भारत वह है, जो कभी दबता नहीं। यह हर संकट को पार कर आगे बढ़ता रहेगा। संघ के स्वयंसेवक डंडा लेकर सनातन और संतों के कार्य में आने वाली बाधाओं को दूर करेंगे। धर्मनगरी के दास हनुमान मंदिर परिसर में चल रहे युग तुलसी पं. रामकिंकर उपाध्याय जन्म शताब्दी कार्यक्रम में बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने देश के मौजूदा हालात को लेकर देश विरोधी ताकतों पर कटाक्ष किया।
उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत के बाद देश का निर्माण हुआ है। दुनिया में चल रहे युद्ध में धर्म की जीत होगी। धर्म और सत्य की शक्ति के आगे अधर्म को हार का सामना करना पड़ेगा। रामायण और महाभारत हर हिंदू को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। हर हिंदू को राष्ट्र निर्माण में अपना कर्तव्य निभाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में तमाम ताकतें बाधाएं डाल रही हैं, लेकिन ईश्वर की शक्ति के आगे किसी की एक नहीं चलती। साढ़े पांच सौ साल बाद आखिरकार सत्य और धर्म की जीत हुई। अब हर मन में अयोध्या का निर्माण करना है।
इसी तरह संघ को शुरू में भोजन, आवास और बैठकों के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा, लेकिन आज स्थिति बदल गई है। सनातन धर्म का विरोध करने वाले देशों के खिलाफ भारत एकजुट होकर लड़ता रहेगा और जीत की ओर बढ़ता रहेगा। भारत सबको जोड़ने वाला देश है। चुनाव से पहले पार्टी पहले, लेकिन बाद में देश पहले युग तुलसी पं. रामकिंकर उपाध्याय जन्म शताब्दी कार्यक्रम में स्वामी चिदानंद महाराज ने कहा कि रामचरित मानस और गीता की छोटी पुस्तिका पूरे विश्व में सबसे उपयोगी है। विदेशों में हो रही कथा इस बात का प्रमाण है कि सनातन धर्म हर जगह है।
आज देश में एकरूपता की नहीं बल्कि एकता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध संतों और महंतों का एक-दूसरे की बुराई करना गलत है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम और ईसाई गुरु कभी भी अपने समाज के दूसरे संतों की बुराई नहीं करते। हमें भी ऐसा ही करना चाहिए। कोई समस्या हो तो मिल-बैठकर बात करें, लेकिन बुराई न करें। आज देश को नारों से चलाने की कोशिश हो रही है, यह ज्यादा दिनों तक संभव नहीं है। संस्कृति से देश आगे बढ़ता है। चुनाव से पहले पार्टियां अलग होनी चाहिए, लेकिन चुनाव के बाद देश सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। सनातन धर्म को बचाओगे तो सब कुछ बच जाएगा।
वर्ग के अंत में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पदाधिकारियों में जोश भरते हुए कहा कि हमें एकजुट होकर नई उम्मीद और विकसित राष्ट्र का निर्माण करना चाहिए। किसी से डरने या अन्याय को सहन करने की जरूरत नहीं है। दुनिया में हमेशा धर्म और अधर्म रहा है। धर्म के पक्ष में खड़ा होना चाहिए। धर्म आचरण से प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि कभी-कभी मेहनत करने वालों को हथियार उठाने पड़ते हैं। जब पूरा समाज तैयार होता है, तब भगवान की कृपा की अंगुली उठती है। ऋषि-मुनियों की मेहनत से राष्ट्र की नींव रखी गई है। अलग-अलग रंग और रूप होने के बावजूद हम सभी मूल रूप से एक हैं। भारत दुनिया का सबसे सुरक्षित और समृद्ध राष्ट्र है। आरएसएस प्रमुख और मोरारी बापू पहुंचे टाठी घाट
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और संत मोरारी बापू ने कई संतों के साथ समय बिताया। उनके कर्मस्थल, मठ और मंदिर का दौरा किया। वह मंदाकिनी नदी के किनारे टाठी घाट पर तपस्या कर रहे संतों के बीच पहुंचे। इसके बाद मोरारी बापू जगद्गुरु रामभद्राचार्य से मिलने गए। उन्होंने कहा कि जगद्गुरु ने उन्हें बुलाया तो वह दर्शन के लिए आए। संघ चालक वर्ग के समापन के बाद आरएसएस प्रमुख आरोग्यधाम की वैदेही वाटिका में रुके।
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