
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजेसी) रोहित शुक्ला के मुताबिक़ 18 नवंबर 1981 की शाम करीब 5 बजे फिरोजाबाद के थाना जसराना इलाके के गांव दिहुली में हथियारबंद बदमाशों ने घुसकर अनुसूचित जाति की बस्ती पर हमला कर दिया था। उन्होंने घरों में मौजूद महिलाओं, पुरुषों और बच्चों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थी। बदमाशों ने लगातार तीन घंटे तक ताबड़तोड़ फायरिंग की। इस फायरिंग में 23 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि एक घायल ने फिरोजाबाद के अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। उस समय इस हत्याकांड से शासन, प्रशासन हिल गया था।
अधिवक्ता शुक्ला ने बताया कि घटना की एफआईआर दिहुली निवासी लायक सिंह ने 19 नवंबर को थाना जसराना में राधेश्याम उर्फ राधे, संतोष चौहान उर्फ संतोषा, रामसेवक, रविंद्र सिंह, रामपाल सिंह, वेदराम सिंह, मिट्ठू, भूप राम, मानिक चंद्र, लटूरी, राम सिंह, चुन्नीलाल, होरीलाल, सोनपाल, लायक सिंह, बनवारी, जगदीश, रेवती देवी, फूल देवी, कप्तान सिंह, कमरूद्दीन, श्यामवीर, कुंवरपाल, लक्ष्मी के खिलाफ दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच कर चार्जशीट कोर्ट में भेज दी थी। कुछ दिनों तक मामले की सुनवाई जिला कोर्ट में हुई, लेकिन डकैती कोर्ट न होने के कारण इसे प्रयागराज ट्रांसफर कर दिया गया था। वहां सुनवाई के बाद मामला फिर मैनपुरी विशेष न्यायाधीश डकैती कोर्ट में भेज दिया गया।
दरसअल मामले की सुनवाई मैनपुरी की अदालत में 15 साल से चल रही है। 11 मार्च को डकैती कोर्ट की जज इंदिरा सिंह ने तीनों आरोपियों को सामूहिक हत्याकांड का दोषी करार देते हुए सजा के लिए 18 तारीख तय की थी। अधिवक्ता रोहित शुक्ला ने बताया कि मंगलवार को आरोपी कप्तान सिंह, रामसेवक और रामपाल कोर्ट में पेश हुए। दोनों पक्षों की दलीलें और गवाहों की गवाही सुनने के बाद कोर्ट ने तीनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में 17 आरोपी थे, जिनमें से 13 की मौत हो चुकी है। जबकि एक आरोपी ज्ञानचंद फरार चल रहा है।
अधिवक्ता रोहित शुक्ला के मुताबिक राधे और संतोष गैंग के कुछ लोग पुलिस के हत्थे चढ़ गए थे। जिसमें दिहुली के लोग गवाह बन गए थे। इससे नाराज होकर 24 दलितों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. कैप्टन और रामसेवक ने कुछ बच्चों और महिलाओं को मार डाला। सजा सुनाए जाने के दौरान तीनों दोषी रो रहे थे। फायरिंग में राम दुलारी, श्रृंगारबती, शांति, राजेंद्र, रामसेवक, राजेश, ज्वाला प्रसाद, राम प्रसाद, शिव दयाल, भुवनेश, भरत सिंह, दाता राम, लीलाधर, मानिक चंद, भूरे, कुमारी शीला, मुकेश, धन देवी, गंगा सिंह, गजाधर, प्रीतम सिंह, आशा देवी, लालताराम, गीतम की मौत हुई थी।