सहारनपुर : फतवों की नगरी देवबंद में 31 साल पहले धमाके के आरोपी आतंकी की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में अहम् खुलासे हो रहे हैं। 1994 में जमानत मिलने के बाद फरार चल रहा नजीर अहमद आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का सक्रिय सदस्य था। ATS की पूछताछ में पता चला है कि फरार होने के कुछ दिन बाद आतंकी नजीर अहमद ने साथियों के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में सेना के एक जवान का अपहरण कर लिया था।
पूछताछ में आतंकी नजीर अहमद ने बताया कि अपहृत जवान को दूसरी जगह ले जाकर वहीं छोड़ना था। लेकिन इसी बीच सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हो गई। जिसके चलते अपहृत जवान को छोड़कर भागना पड़ा। नजीर अहमद जम्मू कश्मीर में छिपा है इस बता का खुलासा विधानसभा चुनाव में हुआ है। आतंकी नजीर अहमद निर्दलीय चुनाव लड़ रहा था।
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आपको बता दें कि साल 1993 में कांस्टेबल कन्हैया लाल और कांस्टेबल अर्जुमन अली देवबंद के रेती चौक पर ड्यूटी दे रहे थे। इस दौरान पुलिसकर्मियों पर ग्रेनेड फेंका गया, जिसमें दोनों पुलिसकर्मियों के अलावा देवबंद निवासी प्रकाश और सुखबीर भी घायल हो गए। इस मामले में पुलिस ने जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले के हाजीफा शरीफाबाद निवासी आतंकी नजीर अहमद वानी उर्फ मुस्तफा पुत्र असद उल्लाह को गिरफ्तार किया था। 1994 में कोर्ट से जमानत मिलने के बाद आंतकी नजीर फरार हो गया था।
तीन दिन पहले ATS प्रभारी सुधीर कुमार उज्ज्वल की टीम ने जम्मू-कश्मीर के बडगाम में छापेमारी कर आतंकी नजीर को गिरफ्तार किया था। हिजबुल मुजाहिद के आतंकी नजीर वानी की गिरफ्तारी के बाद ताज खान के शरीर पर 31 साल पहले हैंड ग्रेनेड के छर्रे लगने से हुए जख्म फिर ताजा हो गए। शहर के मटकोटा निवासी ताज खान ट्रक चालक है। वह बताता है कि जब यह बम धमाका हुआ तो वह अपने दोस्तों के साथ पास के ही एक होटल में बैठकर चाय पी रहा था। उसके पैर नीचे लटक रहे थे। जिससे विस्फोट से निकले छर्रे उसके पैरों में लग गए। जिससे वह घायल हो गया। उस समय अफरा-तफरी मच गई थी।
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ATS के मुताबिक़ आतंकी नजीर अहमद नजीर अहमद इतना चालाक था कि वह अपना नाम बदलता रहता था। इसी कारण वह आसानी से पुलिस की गिरफ्त में नहीं आता था। जम्मू-कश्मीर में सेना के साथ उसकी कई बार मुठभेड़ हुई, जिसमें वह हर बार बच कर भाग जाता। आंतकी की गिरफ्तारी के बाद पता चला कि आरोपी ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था।
चुनाव के दौरान दिए गए शपथ पत्र की जांच की गई तो पता चला कि आरोपी ने करीब चार करोड़ की संपत्ति का ब्यौरा दिया है। ऐसे में सवाल यह भी उठना लाज़मी है कि आतंकी के पास इतनी संपत्ति कहां से आई। आतंकी संगठन से फंडिंग की बात भी सामने आ रही है। ATS टीम और पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है। हैरत की बात तो ये है कि आरोपी ने चार शादियां की हैं। फिलहाल वह तीन पत्नियों के संपर्क में था। Deoband News
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