दिल्ली पॉलिटिक्स : दिल्ली की विधान सभा नजफगढ़ से विधायक कैलाश गहलोत ने AAP से इस्तीफे के बाद सोमवार को भाजपा ज्वाइन कर ली है। कैलाश गहलोत को भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस दौरान दिल्ली भाजपा के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। मीडिया से रूबरू होते हुए कैलाश गहलोत ने कहा कि मैंने आज तक किसी के दबाव में कोई काम नहीं किया। जो बातें मैं सुन रहा हूं कि मैंने सीबीआई के दबाव में या किसी और दबाव में ऐसा किया, वह सब गलत है। यह फैसला एक दिन का नहीं है। अन्ना के आंदोलन के बाद हजारों लोग एक विचारधारा से जुड़े, राजनीति में आने का मेरा मकसद लोगों की सेवा करना है। लेकिन जिन मूल्यों के लिए मैं आम आदमी पार्टी में शामिल हुआ, उनका पतन देखकर मैं दंग रह गया।

आपको बता दें कि कैलाश गहलोत ने रविवार को ही आप की प्राथमिक सदस्यता और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। कैलाश गहलोत ने 19 फरवरी 2015 को पहली बार दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री के तौर पर शपथ ली थी। उसके बाद वे लगातार तीन बार मंत्री बनाए गए। इस्तीफा देने से पहले कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। केजरीवाल को लिखे पत्र में गहलोत ने कहा कि इस समय आम आदमी पार्टी गंभीर चुनौतियों से गुजर रही है। पार्टी में राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं जनता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता पर हावी हो गई हैं, जिसके चलते कई वादे अधूरे रह गए हैं। Kailash Gahlot
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ मेरी राय नहीं है, आम आदमी पार्टी के हजारों कार्यकर्ता ऐसा सोच रहे हैं। आम आदमी अब कुछ खास लोग बन गए हैं। अगर कोई सरकार लगातार केंद्र सरकार से लड़ने में समय बिताती रहेगी, तो दिल्ली का विकास कैसे होगा? मैंने मंत्री के तौर पर जितना भी समय बिताया, मैंने बेहतर करने की पूरी कोशिश की। आज मैं भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुआ, ताकि मैं दिल्ली के विकास के लिए उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर सकूं। मैंने अपनी प्रैक्टिस छोड़कर काम करना शुरू कर दिया और आगे भी करता रहूंगा। उन्होंने कहा कि आप छोड़ना आसान नहीं था। आप में अभी हालात ठीक नहीं हैं। आप अपना आत्मविश्वास खो चुकी है। मैं पीएम मोदी की नीतियों से प्रभावित हूं।

कैलाश गहलोत ने कहा कि जो वादे पार्टी ने दिल्ली की जनता से किए थे। यमुना को साफ करने का सपना पूरा नहीं हो सका। यमुना अब पहले से ज्यादा प्रदूषित हो गई है। इसके अलावा शीशमहल (मुख्यमंत्री आवास) जैसे कई अजीबोगरीब विवाद सामने आए। इससे पार्टी की छवि खराब हुई। सवाल उठ रहे हैं कि क्या लोग पार्टी पर भरोसा कर रहे हैं। लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय पार्टी केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रही है। इससे दिल्ली के लोगों को बुनियादी सेवाएं प्रदान करने की हमारी क्षमता कमजोर हुई। Kailash Gahlot
दिल्ली सरकार अपना ज्यादातर समय केंद्र से लड़ने में बिताती है, जिससे दिल्ली का वास्तविक विकास नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि मैंने दिल्ली के लोगों की सेवा के लिए अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी, मैं इसे जारी रखना चाहता हूं। इसलिए मैं आप से अलग हो रहा हूं और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपने पद से भी इस्तीफा दे दिया।
मुख्यमंत्री ने इस्तीफा स्वीकार किया दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने नजफगढ़ से विधायक कैलाश गहलोत का मंत्री पद स्वीकार कर लिया। वह दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री थे। वहीं आम आदमी पार्टी के सूत्रों का कहना है कि कैलाश गहलोत के खिलाफ ईडी और आयकर के कई मामले चल रहे थे। उन पर कई बार ईडी और आयकर विभाग के छापे पड़ चुके हैं। ऐसे में इस छापे से बचने के लिए उनके पास भाजपा में शामिल होने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था। यह भाजपा की गंदी साजिश है। भाजपा ईडी और सीबीआई की मदद से दिल्ली चुनाव जीतना चाहती है। Kailash Gahlot
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