सहारनपुर : गंगोह नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन नोमान मसूद का शिवलिंग को लेकर दिए गए बयान से सियासी गलियारों का माहौल गरमा गया है। नोमान मसूद का यह ब्यान तेजी के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। नोमान मसूद ने कावड़ सेवा शिविर के उद्घाटन के मौके पर न सिर्फ शिवलिंग की तुलना हजरे असवद से की बल्कि यह भी कहा है कि जिस पत्थर को हजरत आदम अलैहिस्सलाम जन्नत से लेकर आए थे उसे हजरे असवद कहते हैं। पूर्व चेयरमैन के इस ब्यान को उनके भाई कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी गलत बताया है। इमरान मसूद ने कहा कि वह अपने भाई के बयान से सहमत नहीं हैं। यह काम हमारा नहीं, बल्कि धर्म का ज्ञान रखने वालों का है। मामला इतना बढ़ गया कि अब धर्म गुरु भी इस बीच में कूद पड़े हैं।
आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर नगर पालिका गंगोह के पूर्व चेयरमैन और कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के जुड़वा भाई नोमान मसूद का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है। यह वीडियो कई दिन पुराना है जो कस्बा गंगोह में हुए कावड़ सेवा शिविर के उद्घाटन अवसर बनाया गया था। वीडियो में नोमान मसूद भगवान् शिव और शिवलिंग को लेकर बोल रहे हैं। जिसमें वह कह रहे हैं कि “जिसे वो लोग शिवलिंग कहते हैं हम उसे हजरे असवद (सफेद पत्थर) (जन्नत का पत्थर) कहते हैं। जिसे शिव जी स्वर्ग से लेकर आए थे उस पत्थर का नाम शिवलिंग है और जिस पत्थर को हजरत आदम अलैहिस्सलाम जन्नत से लेकर आए थे उसे हजरे असवद कहते हैं।” Saharanpur
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वही मामले को बढ़ता देख इस्लामिक स्कॉलर इंग्लैंड में खगोलविद हज़रत मौलाना समीर जनाब उद्दीन कासमी ने भी बयान जारी कर दिया और कहाँ की शिवलिंग सिर्फ एक काला पत्थर है शिवलिंग और हिजर आसुद में तीन अंतर बता दिए। 1. हिजर आसूद तो बस एक पत्थर है वहाँ कोई भगवान नहीं है। 2. हम मुसलमान हिजर असौद की इबादत या इबादत नहीं करते। 3. हम हिजर आसोद से जरूरत नही मांगते ये शिर्क है। मुस्लिम नेताओं को इसका ध्यान रखना चाहिए। Saharanpur
कारी इसहाक गोरा का कहना है कि गलतफहमी इस्लाम के उसूलों के खिलाफ सहारनपुर में कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद के परिवार के लोगों लगातार बयानबाजी करके सुर्खियों में हैं। पहले संविधान को लेकर भतीजे का विरोध हुआ। नमाज के बयान पर इमरान और अब जुड़वा भाई के बयान पर मसूद परिवार ट्रोल हो रहा है। मौलाना कारी इसहाक गोरा ने नोमान मसूद के बयान पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि कुछ राजनितिक लोग और कुछ मुसलमान कम इल्मी और गलतफहमी के कारण ये मानते हैं कि शिवलिंग और संग्गे अस्वद एक ही हैं।
ये गलतफहमी न सिर्फ इस्लाम के उसूलों के खिलाफ है, बल्कि ईमान के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है। कारी इश्हाक का कहना है कि हिंदू धर्म के अनुसार शिवलिंग हिंदुओं के लिए इबादत का प्रतीक है और इसकी पूजा की जाती है। इसके विपरीत, इस्लाम में अल्लाह के अलावा किसी और की इबादत हराम है। संग्गे अस्वद को सिर्फ एक आदर और पैगम्बर मुहम्मद की सुन्नत के तौर पर चूमा जाता है, न कि इबादत के लिए। इस्लाम में संग्गे अस्वद और शिवलिंग के बीच कोई धार्मिक समानता नहीं है। Saharanpur
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वहीं इस पर महामंडलेश्वर परम तत्ववेत्ता संत श्री कमल किशोर का कहना है कि जब किसी चीज के बारे में जानकारी ना हो तो उसे पर फालतू की बयान बाजी नहीं करनी चाहिए। शिवलिंग उस परमात्मा का प्रतीक है उस ज्योतिर्लिंग का प्रतीक है जो हमारे बीच में एक आत्मा बसती है। शिवलिंग उस ज्योति का प्रतीक है, उस परमात्मा का प्रतिक है जो हमारी आत्मा में बसती है। वो मानते तो हैँ संग्गे अस्वद जन्नत से आया है आप मानते रहो हमारी आत्मा मत ठेस पहुंचाओ। हम अगर आपकी आस्था को नहीं छेड़ते तो आपको कोई अधिकार नहीं हमारी आस्था को छेड़ने का। Saharanpur
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नोमान मसूद के इस ब्यान से धार्मिक और राजनितिक दोनों पहलुओं से देखा जा रहा है। जुड़वा भाई के इस बयान को लेकर सांसद इमरान मसूद ने भी सोशल मीडिया पर अपना बयान जारी किया है। जिसमें इमरान मसूद ने कहा कि “हमें जनता ने जिताया है। हमारा काम आरोप-प्रत्यारोप लगाना नहीं है। बल्कि जनता के हित में काम करना है। वह अपना समय संसदीय कार्य में बिताते हैं। ताकि लोगों के भरोसे पर खरा उतरें और उनके काम कराएं। कुछ नौसखिया लोग गलत-गलत बयानबाजी करते हैं। वह अपने भाई के नोमान का बयान सोशल मीडिया पर देख रहे थे, जिससे वह बिल्कुल भी सहमत नहीं है। वह ज्ञान क्यों बांट रहे हैं। यह काम हमारा नहीं है। हमारा काम जनता के हित में कार्य करने का है।” इमरान ामसुङ अपने भाई को नसीयत देते हुए कहा कि वे इस तरह की बयानबाजी न करें। Saharanpur