दरअसल, मुख्यमंत्री योगी का कद अब इतना बड़ा हो गया है कि उनकी बढ़ती लोकप्रियता से उनके अपने ही लोग असहज महसूस करने लगे हैं। जबकि अभी कुछ महीने पहले ही लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उन्हें न सिर्फ मुख्यमंत्री पद से हटाने की चर्चाएं हो रही थीं, बल्कि इसके लिए दिल्ली दरबार ने योगी को हाजिर होने के लिए बुलाया था, उस समय भी उनके चेहरे पर चिंता साफ झलक रही थी। उनके अपने ही कई मंत्री उनकी बात नहीं सुन रहे थे और उनके अपने ही कई मंत्री हार की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठकों में शामिल नहीं हो रहे थे और न ही अपने-अपने क्षेत्रों में हार के कारणों का जवाब दे रहे थे। CM Yogi
लेकिन अब योगी सिर्फ एक मुख्यमंत्री नहीं रह गए हैं, बल्कि एक विचारधारा भी बनने लगे हैं। उनकी विचारधारा के कई उदाहरण हैं, जिनका अनुसरण दूसरे राज्यों की सरकारें भी कर रही हैं। बुलडोजर चलाने से लेकर माफियाओं के एनकाउंटर जैसे मुद्दों पर कई राज्यों की सरकारें उनका अनुसरण कर रही हैं। इसके अलावा वे अपनी हिंदुत्व कट्टरता के लिए जाने जाते हैं और कई लोग तो उन्हें हिंदू हृदय सम्राट जैसी उपाधि भी देने लगे हैं। CM Yogi
इस बार “बंटोगे तो कटोगे” का नारा इतनी तेजी से अपना असर दिखा रहा है कि विरोधी ही नहीं, बल्कि उनकी अपनी पार्टी के बड़े नेता भी हिल गए हैं। और जो लोग अब तक योगी को डरा रहे थे, उन्हें भी अब डर लगने लगा है कि कहीं योगी का बढ़ता कद उनके लिए खतरा न बन जाए। CM Yogi
फिलहाल यह कहना गलत नहीं होगा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ योगी आदित्यनाथ का कद राजनीति में और भी बड़ा हो गया है और लोग देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी उनका नाम रोशन करने लगे हैं। बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने जो कीर्तिमान स्थापित किए हैं, उन्हें भविष्य में किसी भी अन्य मुख्यमंत्री के लिए छू पाना असंभव होगा। फिलहाल आपको मेरी बातें गलत लग सकती हैं, लेकिन आने वाले समय में उनके द्वारा गढ़ा गया मंत्र “बंटोगे तो कटोगे” उत्तर प्रदेश समेत तमाम राज्यों में होने वाले चुनावों में बड़ा असर डालेगा। CM Yogi