सहारनपुर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को सहारनपुर से उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के बाढ़ प्रभावित नागरिकों के लिए राहत सामग्री से भरे 48 ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अंबाला रोड स्थित सरोवर पोर्टिको में आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि राहत सामग्री मानवीय संवेदनाओं की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। संकट की इस घड़ी में उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता इन तीनों राज्यों के अपने बहनों-भाइयों के साथ खड़ी है। इस दौरान सीएम योगी ने इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को 5-5 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता भी प्रदान की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता की ओर से उत्तराखंड, हिमाचल और पंजाब के नागरिकों के लिए राहत सामग्री भेजी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में क्रियान्वित ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि विकास के नित नए प्रतिमान स्थापित हो रहे हैं और आपदाओं से निपटने के लिए सरकार के प्रयास अत्यंत कारगर सिद्ध हो रहे हैं। एनडीआरएफ, आपदा मित्र और स्थानीय पुलिस जैसी संस्थाएँ राहत कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जब समाज और स्वयंसेवी संगठन पीड़ितों के साथ खड़े होते हैं, तो सरकार के प्रयासों को और बल मिलता है।
समय पर किए गए प्रावधानों से बाढ़ आपदा से बचा है उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में बाढ़ को सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए योगी ने कहा कि इस वर्ष अब तक राज्य इस आपदा से बचा हुआ है, हालाँकि निचले स्तर पर जलभराव अवश्य हुआ है। बड़े पैमाने पर बाढ़ जैसी आपदाओं से निपटने के लिए समय पर किए गए प्रावधानों का ही परिणाम है कि आज हम इस आपदा को नियंत्रित करने के करीब पहुँच गए हैं। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों का उल्लेख किया जहाँ बाढ़ आई है, जैसे यमुना नदी का क्षेत्र – सहारनपुर, बागपत, गौतमबुद्ध नगर से लेकर प्रयागराज तक, जहाँ यह गंगा से मिलती है। साथ ही, बिजनौर से बलिया तक गंगा, सरयू, घाघरा, रामगंगा और हिंडन नदियों के मुहाने वाले इलाकों में पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इन नदियों में पानी के अतिप्रवाह से जान-माल का नुकसान होने पर सरकार ने तुरंत राहत सामग्री उपलब्ध कराई है।
दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु पर पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बरसात के मौसम में अगर किसी व्यक्ति को जंगली जानवर, सांप या बिच्छू काट लेता है और दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हो जाती है, तो सरकार पीड़ित परिवार को तुरंत चार लाख रुपये का मुआवजा देती है। अगर किसी गरीब व्यक्ति का घर आपदा के कारण गिर जाता है, तो उसे नया घर बनाने के लिए पैसे दिए जाते हैं। अगर जमीन और घर नदी में विलीन हो जाते हैं या कटान की चपेट में आ जाते हैं, तो परिवार को घर बनाने के लिए जमीन का पट्टा और पैसे दिए जाते हैं। जिन गांवों में बाढ़ आई है, वहां उन्हें सुरक्षित शिविरों में पहुँचाने के साथ-साथ नाश्ता, दोपहर और रात का खाना, बच्चों के लिए दूध और पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की गई है।
सीएम योगी ने हिमाचल और उत्तराखंड राज्यों को 5 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता दी
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में वितरित की जाने वाली सामग्री आज इन 48 ट्रकों के माध्यम से उत्तराखंड, हिमाचल और पंजाब के बहनों और भाइयों तक पहुँचाई जा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की अवधारणा पर ज़ोर देते हुए कहा कि अगर कहीं भी कोई आपदा आती है, तो उत्तर प्रदेश मदद के लिए तैयार रहेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल में बादल फटने और अतिवृष्टि से भारी तबाही हुई है, इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार और नागरिकों की ओर से उत्तराखंड को 5 करोड़ रुपये और हिमाचल सरकार के राहत कोष के लिए 5 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
योगी सरकार के मंत्री और विधायक सहायता राशि लेंगे
इस सहायता राशि को पहुँचाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री कुंवर बृजेश सिंह उत्तराखंड जाएँगे, जबकि मंत्री जसवंत सैनी हिमाचल प्रदेश से राहत सामग्री और धनराशि लेकर जाएँगे। सहारनपुर शहर विधायक राजीव गुंबर पंजाब के लिए राहत सामग्री लेकर जाएँगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये प्रतिनिधि वहाँ जाकर उत्तर प्रदेश की जनता की संवेदनाएँ व्यक्त करेंगे और सामग्री सौंपेंगे। जब पूरा देश किसी संकट में एकजुट हो जाता है, तो संकट, संकट नहीं रह जाता। उन्होंने कहा कि इन सबके बावजूद, यदि अन्य सहायता की आवश्यकता होगी, तो उत्तर प्रदेश सरकार और 25 करोड़ की जनता हर पीड़ित के साथ खड़ी है और हर प्रकार की सहायता के लिए तत्पर रहेगी।
बचाव ही सबसे बड़ा उपाय है
मुख्यमंत्री ने जनता से आपदा के समय सतर्क और सावधान रहने की अपील की। अधिक पानी पीने से डायरिया जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं, इसलिए उबला हुआ पानी पिएँ। घर के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें, ताकि डेंगू और मलेरिया के लार्वा न पनपें। साफ़-सफ़ाई और छिड़काव का ध्यान रखें। अगर आपको साँप या किसी जहरीले कीड़े ने काट लिया है, तो टोने-टोटके में न पड़ें और तुरंत डॉक्टर के पास जाएँ। हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और ज़िला अस्पताल में टीके उपलब्ध हैं। अगर आपको कुत्ते या किसी जंगली जानवर ने काट लिया है, तो एंटी-रेबीज़ का टीका लगवाएँ। बचाव ही सबसे अच्छा उपाय है।
मुख्यमंत्री योगी ने पत्रकारों को संबोधित किया
पत्रकारों को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कई स्थानों पर भारी वर्षा, बिजली गिरने और बादल फटने की कई घटनाएँ हुई हैं। भारी वर्षा के कारण देश के कई हिस्से बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। हालाँकि, केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और बाढ़ इकाई से जुड़ी कई संस्थाओं, स्वयंसेवी संगठनों और स्थानीय स्तर पर हर राज्य सरकार के स्तर पर प्रयास शुरू किए गए हैं। लेकिन उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश पहाड़ी राज्य होने के कारण, यहाँ जीवन बेहद कठिन और संघर्षों से भरा है। वहाँ आपदा लोगों के पूरे जीवन को प्रभावित करती है। और उन परिस्थितियों में, यदि देश का कोई भी क्षेत्र आपदा की चपेट में है, तो अन्य राज्यों का यह दायित्व है कि वे अपने स्तर से धनराशि भेजकर प्रभावित एवं पीड़ित नागरिकों की सहायता करें और उन्हें सहयोग प्रदान करें।
प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से, उत्तर प्रदेश में सफल बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के लिए, उत्तर प्रदेश सरकार एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी की बाढ़ इकाई, स्थानीय पुलिस, विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों, व्यापारिक एवं सामाजिक संगठनों के सहयोग से इन कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा रही है, और उन पीड़ित नागरिकों की भी पूरी सहायता कर रही है जो किसी न किसी रूप में बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। सीएम योगी ने कहा कि यूपी में बाढ़ पीड़ितों को हम जो राहत सामग्री वितरित करते हैं, उन्हीं सामग्री के पैकेट आज हम इन 48 ट्रकों के माध्यम से यहाँ से भेज रहे हैं ताकि वहाँ बड़े पैमाने पर वितरित किए जा सकें।
राहत सामग्री में खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक वस्तुएँ शामिल हैं
राहत सामग्री में आटा, चना, भुने हुए चने, चीनी, बिस्कुट, माचिस, मोमबत्ती, नहाने का साबुन, बाल्टी, तिरपाल, आटा, चावल, अरहर की दाल, आलू, हल्दी, मिर्च, मसाले, रिफाइंड तेल, नमक, सैनिटरी पैड, कपड़े धोने का साबुन, तौलिया, सूती कपड़ा, डिस्पोजेबल बैग, मग, डेटॉल शामिल हैं। इसके अलावा, आटा 10 किलो, चावल 10 किलो, अरहर की दाल 2 किलो, आलू 10 किलो, 18 लीटर की बाल्टी, दो नहाने के साबुन, एक पैकेट मोमबत्ती, एक पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, 1 किलो चीनी, 2 किलो भुने हुए चने, 2 किलो चना और 2.5 किलो आटा, साथ ही 1 किलो सरसों का तेल, 1 किलो नमक और अन्य सामग्री, ये सभी वस्तुएँ प्रभावित परिवार को पैकेट में उपलब्ध कराई गई हैं, ताकि संकट के समय में वे आसानी से अपना पेट भर सकें।
इस अवसर पर विधान परिषद सदस्य एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी, राज्यमंत्री जसवंत सिंह सैनी, कुंवर बृजेश सिंह, विधायक कीरत सिंह, देवेन्द्र निम, मेयर डा. अजय कुमार, राजीव गुम्बर, मुकेश चौधरी सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।