चित्रकूट : महाकोशल प्रांत के वर्ग में पदाधिकारियों ने भाजपा और संघ के बीच समन्वय बनाकर काम करने का संदेश दिया। भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने में संघ की भूमिका और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में व्यापक बदलाव पर भी चर्चा हुई। भाजपा में संगठन मंत्री के रूप में काम कर रहे संघ पदाधिकारियों के स्थान पर नए संगठन मंत्री नियुक्त करने पर भी विचार किया गया। हालांकि इन बातों को सार्वजनिक नहीं किया गया।
संघ का वर्ग बुधवार को उद्यमिता विद्यापीठ में संपन्न हुआ। तीन सत्रों में संघ के बौद्धिक सह प्रमुख दीपक बिस्फुटे और मध्य भारत के क्षेत्र प्रचारक स्वप्निल कुलकर्णी ने महाकोशल प्रांत के चालकों और प्रमुखों से एक-एक कर बात की। उनके कार्यों की समीक्षा भी की गई। उन्होंने कहा कि संगठन को गांवों तक पहुंचाने के लिए संघ की कार्ययोजना के अनुसार दिसंबर के पहले सप्ताह से ही काम शुरू कर दिया जाए।
यह भी संदेश दिया गया कि आरएसएस दुनिया का एकमात्र ऐसा संगठन है जो हिंदुओं के हितों और सुरक्षा की बात करता है। इसमें काम करने वाला व्यक्ति देशभक्त होता है। देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के हिंदुओं की रक्षा के लिए हर संभव उपाय करें। जरूरत पड़ने पर वरिष्ठ पदाधिकारियों से बात करें। किसी भी देशद्रोही से डरने की बजाय उसे समझाएं और देशभक्ति की धारा में शामिल करें। BJP
जानकारों की मानें तो तीनों सत्रों के अंत में अलग-अलग राज्यों में तैनात सात संगठन मंत्रियों की पहचान कर ली गई है, जिन्हें नए राज्यों की जिम्मेदारी दी जाएगी। बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में एक संगठन मंत्री के अधीन उप संगठन मंत्री भी भेजे जा सकते हैं, ताकि कमजोर क्षेत्रों में संगठन को मजबूत करने के लिए बेहतर समन्वय बनाया जा सके।
आरएसएस के संगठन मंत्री पूर्णकालिक मंत्री होते हैं। इन्हें भाजपा में काम करने के लिए भेजा जाता है। करीब एक दशक से भाजपा के तेजी से विकास और बाहरी नेताओं के आने से स्वयंसेवकों और भाजपा नेताओं के बीच संवाद कमजोर होने का डर था। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपेक्षाकृत कम सीटें मिलने के पीछे यही वजह मानी जा रही है। इसके लिए आरएसएस भाजपा में नए संगठन मंत्री भेजने की तैयारी में है। BJP
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