Bridge Collapse In Bihar : उद्घाटन से पहले नदी में समाया 12 करोड़ का पुल, जिम्मेदार कौन 

Bridge Collapse In Bihar

Bridge Collapse : बिहार में एक बार फिर नदी पर बनाया गया पुल उद्धघाटन से पहले ही नदी में समा गया है। करीब 12 करोड़ रूपये की लागत से बनाया गया पुल तास के पत्तो की तरह ध्वस्त हो गया। अचानक पुल गिरने से जिला प्रशासन और सड़क परिवहन निगम के साथ सेतु निगम में हड़कप मच गया।  इस दौरान गनीमत ये रही कि किसी की जानमाल को कोई नुकसान नहीं हुआ है। पुल हादसे के बाद स्थानीय लोगों के साथ विपक्ष ने भी आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं। आरोप है कि पुल बनाने में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था। जिसके चलते बनने से पहले ही पुल गिर कर नदी में समा गया। हादसे के बाद को अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।

Bridge Collapse In Bihar
आपको बता दें कि बिहार के जनपद अररिया इलाके के सिकटी प्रखंड में बकरा नदी पड़रिया घाट पर करोड़ों की लागत से पुल बनाया गया था। 182 मीटर लंबे पुल को कुल तीन हिस्सों में बनाया गया था। मंगलवार दोपहर को अचानक यह हादसा हुआ है। बकरा नदी पर बना पुल तास के पत्तो की तरह ढह गया और ध्वस्त होकर नदी में समा गया। दो पाए के साथ पुल का दो हिस्सा नदी में समा गया। पुल हादसे के बाद लोगों ने आरोप लगाया कि पुल के निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल किया गया था। जिसके चलते पुल उद्घाटन से पहले ध्वस्त हो गया।

घटना के बाद न सिर्फ इलाके में खलबली मच गई बल्कि पटना से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया। आनन फानन में मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने घटना स्थल का जायजा लिया। ग्रामीण विकास कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने एक्शन लेते हुए तत्कालीन सहायक इंजीनियर अंजनी कुमार और जूनियर इंजीनियर मनीष कुमार को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही पुल से जुड़ी एजेंसी पर FIR दर्ज कराते हुए उसे ब्लैक लिस्ट करने के आदेश दिए हैं। साथ ही मामले में 4 सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच दल का गठन किया गया है जो 7 दिनों के अंदर सरकार को जांच रिपोर्ट सौंपेगी। Bridge Collapse

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जानकारी के मुताबिक़ सिकटी प्रखंड में बकरा नदी पड़रिया घाट पर इस पुल का निर्माण पहले बने पुल के एप्रोच कट जाने के बाद कराया गया था। स्थानीय लोगों ने बताया कि पुल निर्माण में यहां काम कर रहे इंजीनियरों ने घटिया सामग्री के इस्तेमाल किया है। जिसकी शिकायत कई बार अररिया के जिलाधिकारी से की गई थी लेकिन किसी ने कोई संज्ञान नहीं लिया। जिसके चलते 12 करोड़ की लागत से बना पुल उद्घाटन से पहले ध्वस्त होकर नदी में बह गया। स्थानीय लोगो के अनुसार हाल में ही पुल के एप्रोच पथ को बहाल करने के लिए की विभाग की ओर कवायद शुरू की गई थी। लेकिन उससे पहले यह पुल हादसे का शिकार हो गया। अररिया के सांसद और विधायक ने ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कही। Bridge Collapse

अररिया के सिकटी प्रखंड में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण योजना के तहत बने इस पुल की लागत 7.79 करोड़ रुपये थी। 182 मीटर लंबे इस पुल का निर्माण 2021 में शुरू हुआ था। लेकिन बाद में नदी की धारा बदलने और एप्रोच सड़क को लेकर कुल 12 करोड़ की लागत का हो गया था। यह जून 2023 में बनकर तैयार हुआ। पुल के दोनों और पहुंच पथ नहीं होने के कारण इस पर आवागमन नहीं हो रहा था। ग्रामीणों ने कुल निर्माण में अनियमितता का आरोप लगाया है। ग्रामीणों की मानें तो पिछले दो दिनों से पुल के स्लैब में दरार दिख रही थी। मंगलवार को अचानक से भरभराकर पुल गिर गया। इस पुल का निर्माण केंद्र सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग के अंतर्गत पड़ोसी जिला किशनगंज के ठेकेदार सिराजुर्रहमान ने कराया है। Bridge Collapse

वहीं पुल हादसे के बाद सांसद प्रदीप कुमार सिंह और सिकटी भाजपा विधायक विजय कुमार मंडल ने इसे संवेदक और विभागीय लापरवाही का नतीजा करार दिया। सांसद और विधायक ने पुल की पाइलिंग में गड़बड़ी बरते जाने की बात करते हुए रात में संवेदक पर गुणवत्ता विहीन काम करने का आरोप लगाया। सांसद ने मामले एक जांच उच्च स्तरीय टीम के साथ कराने के साथ जिम्मेवार संवेदक और विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कही। Bridge Collapse

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