बीजेपी का आरक्षण फार्मूला : उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनाव के मध्य नजर भाजपा आरक्षण में आरक्षण के फार्मूले को तैयार करने में जुटी हुई है। यूपी में सामाजिक न्याय समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है उसी के आधार पर एससी, एसटी और पिछड़ी जातियों को बांटने की तैयारी है। दरअसल इसी फार्मूले पर हरियाणा में जिस प्रकार से भाजपा ने सफलता पाई और वह पार्टी में पिछड़े और अति पिछड़े को वापस लाने में कामयाब हुई। बाकी राज्यों में भी उसके हौसले बुलंद दिखाई देते हैं।
दरअसल भाजपा जानती है कि लोकसभा चुनाव में उससे यह वर्क संविधान के मुद्दे पर भाजपा से छिटक कर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के साथ चला गया था। उसको वापस लाने के लिए इस फार्मूले पर उत्तर प्रदेश में इसकी बड़े स्तर पर तैयारी की जा रही है। दूसरी ओर अगर देखे इंडिया गठबंधन के दो प्रमुख दल समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में अभी सीट बंटवारे पर तलवार खींची हुई है।
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हालांकि समाजवादी पार्टी जो दो सीटें गाजियाबाद की सदर और अलीगढ़ की खैर कांग्रेस को देने को तैयार है। मेरे विचार से अगर कांग्रेस इन दो सीटों पर चुनाव लड़ती है और समाजवादी पार्टी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती है तो उनकी जीत की एक संभावना बनती है लेकिन अगर उनके बीच में आपसी मतभेद और लड़ाई इसी प्रकार चलती रहेगी तो जाहिर है उसका फायदा भारतीय जनता पार्टी को ही मिलेगा। BJP Reservation Formula
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आने वाले समय में भाजपा ही नहीं बल्कि कांग्रेस भी दलित और महादलित की राजनीति करने के लिए आरक्षण में आरक्षण की नीति पर काम करेगी। उसके लिए वह तेलंगाना से शुरुआत करेगी, क्योंकि वहां के मुख्यमंत्री रेवन्ना रेड्डी ने एक कमेटी बना दी है जिसको 9 दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट देनी है। आरक्षण में आरक्षण का फार्मूला सेट होने पर ही वहां तमाम नौकरियां दी जायेंगी। BJP Reservation Formula
यह जताता है कि तमाम सियासी दल पिछड़ों में बंटवारा करना चाहते हैं जिस प्रकार से अगड़ी जातियों में बंटवारा हुआ है और हर जाति के अलग-अलग नेता हैं इस आधार पर पिछड़ों में भी अलग-अलग जातियों के अलग-अलग नेता हों और वें राजनीति करें। यही बड़े सियासी दल चाहते हैं। ताकि उनको साधने में इन दलों को कोई परेशानी ना आए और जो चंद नेता पिछड़ों के सियासी ठेकेदार बने घूम रहे हैं उनकी दुकान बंद हो जाए। BJP Reservation Formula
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