Banned fuel being burnt on brick kilns : ईंट भट्ठों पर जलाया जा रहा प्रतिबंधित ईंधन, एनजीटी के आदेशों की उड़ाई जा रही धज्जियां
Published By Roshan Lal Saini
Banned fuel being burnt on brick kilns सहारनपुर : एक ओर जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और एनजीटी ( नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ) प्रदूषण मुक्त प्रदेश बनाने के दावे कर रहीं हैं वहीं जनपद सहारनपुर में ईंट भट्ठा संचालक न सिर्फ योगी सरकार के दावों की पोल खोल रहे हैं बल्कि NGT के मानकों की भी धज्जियां उड़ा रहे हैं। हैरत की बात तो ये है कि यह सब सत्तारूढ़ पार्टी के नेता कर रहे हैं।
ईंट भट्ठों पर जलाया जा रहा प्रतिबंधित ईंधन
अपने ईंट भट्ठे पर भाजपा का झंडा लगाकर प्रतिबंधित ईंधन खुलेआम जलाया जा रहा है। जिससे पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। भट्ठों में टायरों का कार्बन भारी मात्रा में जलाया जा रहा है। जिससे पर्यावरण के लिए बड़ा ख़तरा बनता जा रहा है। जबकि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी कान में तेल डाल कर कुंभकर्णी नींद सोये हुए हैं। या यूँ कहे कि भट्ठा संचालको के साथ सांठगांठ कर पर्यावरण को प्रदूषित करने में उनका साथ दे रहे हैं। Banned fuel being burnt on brick kilns
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आपको बता दें कि जनपद सहारनपुर के थाना बड़गांव इलाके में राणा ब्रिक्स के नाम से हाई ड्राफ्ट ईंट भट्ठा चल रहा है। जहां खुलेआम प्रतिबधित कार्बन का ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। भट्ठे पर भारी मात्रा में कार्बन से भरे कट्टो का ढेर लगा हुआ है। जानकारी के मुताबिक़ राणा ब्रिक्स ईंट भट्ठा देवबंद से पूर्व नगराध्यक्ष एवं भाजपा गजराज राणा का बताया जा रहा है।
यही वजह है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी भट्ठे के खिलाफ कार्यवाई नहीं कर पा रहे हैं। राणा ब्रिक्स अकेला ईंट भट्ठा नहीं है जहां प्रतिबंधित कार्बन का इस्तेमाल किया जा रहा है ऐसे ओर भी भट्ठे चल रहे हैं जहां चंद सिक्कों के लिए मानव जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। बावजूद इसके यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी कार्यवाई नहीं कर पा रहे हैं। जिससे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठना लाज़मी है। Banned fuel being burnt on brick kilns
पर्यावरण प्रेमियों के मानें तो ईंट भट्ठों की चिमनियों से निकल रहे धुएं से पर्यावरण को तो नुकसान हो ही रहा है वहीं मानव जीवन के लिए भी खतरा बनता जा रहा है। क्योंकि ईंटो को कम समय में पकाने की जल्दबाजी में ईंट भट्ठा संचालक एनजीटी के मानकों की धज्जियां उड़ाने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। भट्ठों में प्रतिबंधित ईंधन का इस्तेमाल किया जा रहा है। चंद पैसो के लालच में भट्ठा मालिक रबड़, टायर और जहरीले कार्बन को भट्ठों में झोंक रहे हैं। जलने के बाद निकलने वाला धुंआ पर्यावरण को प्रदूषित कर मानव जीवन ही पशु पक्षियों और पेड़ पौधों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। बावजूद बावजूद इसके प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि सब ठीक चल रहा है। Banned fuel being burnt on brick kilns
इस भट्ठे पर भी जलाया जा कार्बन
जानकारों के मुताबिक़ ईंट भट्ठों की चिमनियों के नीचे पानी का एक टैंक बनाने का प्रावधान होता है। जिसके जरिये ईंट भट्ठे से निकलने वाले हानिकारक धुएं को कम किया जा सकता है। साधारण भट्ठे तो दूर आधुनिक एवं हाई ड्राफ्ट भट्ठों पर भी पानी के टैंक नहीं बनाये गए हैं। इसके आलावा भट्ठों पर बनाई जाने वाली चिमनियों की डिजायन एवं ऊंचाई भी निर्धारित की हुई है जिससे भट्ठे से निकलने वाला धुआं ऊपर ही उड़ कर निकल जाए।
लेकिन ज्यादातर भट्ठों की चिमनियां भी मानकों के विपरीत बनाई हुई हैं। जिसके चलते पर्यावरण के खतरे के साथ ही पोधो की हरियाली को भी नुकसान पहुंच रहा है। लगातार ईंट भट्ठे में कार्बन जलाने से आसपास के इलाको में न सिर्फ पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है बल्कि लोगों को साँस की बीमारियां भी बढ़ती जा रही है। ख़ास बात तो ये है कि कोरोना जैसी महामारी के बाद भी ईंट भट्ठा संचालक पर्यावरण को प्रदूषित करने से बाज़ नहीं आ रहे हैं। Banned fuel being burnt on brick kilns
एनजीटी के आदेशों की उड़ाई जा रही धज्जियां
उधर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक दिनेश पांडे का कहना है कि जनपद में किसी भी भट्ठे पर प्रतिबंधित ईंधन नहीं जलाया जा रहा है। अगर कोई चोरी छिपे जला रहा हिअ तो शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ कार्यवाई की जाती है। ऐसे में सवाल यह भी उठना लाज़मी है कि अगर एनजीटी के आदेशों की अवहेलना करने वाले भट्ठों पर कार्यवाई हो आरही तो भाजपा नेता के राणा ब्रिक्स पर कार्यवाई क्यों नहीं हो रही ? जहां लगातार 10 सालों से प्रतिबंधित कार्बन जलाकर ईंटो को पकाया जा रहा है। Banned fuel being burnt on brick kilns
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उन्होंने बताया कि ईंट भट्ठों पर ईधंन जलाने से पर्यावरण कम से कम प्रदूषित हो इसके ईंट भट्ठों के आधुनिकीकरण की मुहिम शुरू की गई है। एनजीटी ( NATIONAL GREEN TRIBUNAL ) के आदेश पर ईंट भट्ठों के आधुनिकीकरण पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए बाकायदा ईंट भट्ठों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी किये गए निर्देशों में साफ़ कहा गया है कि सभी ईंट-भट्ठा संचालक अपने भट्ठों को नेचुरल ड्राट से इन्डयूज्ड ड्राट क्लीन में बदल लें। ईंट-भट्ठों को जिगजैग विधि में बदलने को कहा गया है। ताकि भविष्य में ईंट भट्ठों से फैलने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगाया जा सके। Banned fuel being burnt on brick kilns