बहराइच हिंसा : बहराइच हिंसा के आरोपियों के खिलाफ राज्य सरकार की प्रस्तावित कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया है कि बुधवार तक आरोपियों की संपत्तियों पर बुलडोजर नहीं चलाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने मंगलवार को यूपी सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज से कहा कि बुधवार तक बहराइच में कोई कार्रवाई न की जाए।
नटराज ने इस पर सहमति जताते हुए कहा, हम कुछ नहीं करेंगे। वरिष्ठ अधिवक्ता सीयू सिंह और अन्य वकीलों ने बेंच को बताया, राज्य सरकार ने दंगों में कथित रूप से शामिल लोगों के खिलाफ इस आधार पर कार्रवाई का प्रस्ताव दिया है कि उनका निर्माण अवैध है। बेंच ने कहा, आप इस कोर्ट द्वारा पारित आदेशों को जानते हैं। अगर राज्य सरकार इन आदेशों का उल्लंघन करने का जोखिम उठाना चाहती है, तो यह उसकी मर्जी है। हाईकोर्ट में याचिका दाखिल, 15 दिन का समय दिया गया है। Bahraich Violence
राज्य के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका पहले ही दाखिल की जा चुकी है और 15 दिन का नोटिस दिया गया है। इस पर आवेदक के वकील ने कहा कि हाईकोर्ट ने मामले में किसी तरह का संरक्षण नहीं दिया है। उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (PWD) ने हिंसा में कथित रूप से शामिल 23 लोगों के घरों पर नोटिस चिपकाकर इसे सड़क चौड़ीकरण के लिए अतिक्रमण बताया था। साथ ही तीन दिन में जवाब देने को कहा था। इसके बाद हाईकोर्ट ने यह समय बढ़ाकर 15 दिन कर दिया था। Bahraich Violence
एक अक्टूबर के आदेश में शीर्ष अदालत ने 17 सितंबर के अपने आदेश को बढ़ा दिया था, जिसमें राज्यों द्वारा बिना अनुमति के आपराधिक मामले में आरोपियों की संपत्ति को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाई गई थी। अदालत ने तब सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों, रेलवे लाइनों या जल निकायों पर अतिक्रमण से संबंधित कार्रवाई को छूट दी थी। साथ ही बुलडोजर कार्रवाई पर दिशा-निर्देश तय करने पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले 2 सितंबर को न्यायालय ने कहा था कि वह बुलडोजर न्याय के विवादास्पद मुद्दे से निपटने के लिए देश भर में दिशानिर्देश तैयार करेगा, जो किसी व्यक्ति पर अपराध का आरोप लगने के तुरंत बाद उसके घर या दुकान को ध्वस्त करने के लिए अपनाया जाता है। Bahraich Violence