बादल परिवार ने अपने निजी लाभों के लिए करोड़ों रुपए लूटे – मुख्यमंत्री

चंडीगढ़, 29 फरवरी। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने दिग्गज बादल परिवार पर अपने निजी लाभों के लिए राज्य के करोड़ों रुपए लूटने का आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा कि अकाली-भाजपा गठजोड़ सरकार ने सुख विलास होटल के निर्माण के लिए अकाली नेता सुखबीर सिंह बादल के पक्ष में नियमों को तोड़ा-मरोड़ा। मान ने यह आरोप यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान लगाए।

उन्होंने कहा कि अकाली-भाजपा सरकार 2009 में इको-टूरिज्म नीति लेकर लाई, जिसका एकमात्र उद्देश्य इस रिजोर्ट के निर्माण में मदद करना था। उन्होंने कहा कि यह कितनी आश्चर्यजनक बात है कि एक पोल्ट्री फार्म को एक रिजोर्ट में तब्दील कर दिया गया और टैक्स के रूप में इस रिजॉर्ट के 108 करोड़ रुपए माफ करके राज्य के खजाने को नुकसान पहुंचाया। 

मान ने कहा कि गांव पल्लनपुर में स्थित इस रिजॉर्ट का असली नाम मेट्रो इको ग्रीन रिजॉर्ट है, जिसको बाद में सुख विलास का नाम दिया गया। पंजाबियों के खून से बना यह सुख विलास वास्तव में पंजाब के लिए दुख विलास है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च 2009 में 7.20 एकड़ ज़मीन को पी. एल. पी. ए. एक्ट से छूट दी गई और इसके तहत सिर्फ दो कंपनियों को मंजूरी मिली। उन्होंने कहा कि बादलों ने अपनी दो कंपनियों के नाम पर 21 एकड़ जमीन खरीदी, जो बाद में अपनी ही एक अन्य कंपनी को तब्दील कर दी।

मान ने कहा कि इस कंपनी के ज्यादातर शेयरों 1 83, 225 के मालिक सुखबीर सिंह बादल है, जबकि हरसिमरत बादल और डबवाली ट्रांसपोर्ट कंपनी के नाम पर भी इस कंपनी में काफी शेयर हैं। 

मुख्यमंत्री ने अफसोस जाहिर किया कि उस समय के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने इस रिजॉर्ट का 10 सालों के लिए एस. जी. एस. टी. और वेट का 75-75 प्रतिशत हिस्सा माफ कर दिया। उन्होंने कहा कि इसके तहत एस. जी. एस. टी. और वेट के कुल 85 करोड़ रुपए माफ किए गए।

इसके इलावा 10 सालों के लिए 100 प्रतिशत इलैक्टरिसिटी ड्यूटी भी माफ की गई, जो 11.44 करोड़ रुपए बनती है। मान ने कहा कि यही नहीं इस रिजोर्ट का 11 करोड़ रुपए का लग्जरी टैक्स और लायसेंस फीस भी माफ की गयी, जिससे राज्य के ख़जाने को बड़ा नुकसान पहुंचा। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस रिजॉर्ट के लिए टैक्स के रूप में 108.73 करोड़ रुपए माफ किए गए और यह सारा पैसा बादलों के निजी हितों के लिए इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि इस पैसे का प्रयोग राज्य सरकार द्वारा लोगों की भलाई के लिए किया जा सकता था। मान ने कहा कि यह भी दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि 2009 में लाई इस नीति का लाभ किसी अन्य कंपनी को नहीं दिया गया, बल्कि इसका प्रयोग बादलों ने सिर्फ़ अपनी निजी लाभ के लिए किया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुख विलास को जाती सड़क का निर्माण भी गमाडा द्वारा करदाताओं के पैसे के साथ किया गया। मान ने कहा कि इस रिजॉर्ट के लिए वन के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया गया, जबकि यह रिजोर्ट अपने एक कमरे का चार से पांच लाख रुपये किराया वसूलता है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस रिजॉर्ट का 11 मई, 2015 से 10 मई, 2025 तक के समय का टैक्स माफ किया गया। रिजॉर्ट की मालिक कंपनी में हरसिमरत कौर बादल के नाम पर 81, 500 शेयर और बादलों की ही मालिकी वाली डबवाली ट्रांसपोर्ट कंपनी के नाम पर 5350 शेयर हैं। मान ने ऐलान किया कि राज्य के खजाने के एक-एक पैसे की वसूली की जाएगी और इस  संबंध में उचित कार्यवाही की जाएगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी विस्तृत जांच चल रही है कि इस रिजोर्ट के निर्माण के लिए कौन से कानूनों का प्रयोग या कौन से कानूनों को तोड़ा-मरोड़ा गया। मान ने कहा कि करदाताओं के एक- एक पैसे की रिकवरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम पंजाब को ऐसे परिवार से बचाव रहे हैं, जो पंजाब बचाओ यात्रा जैसे ढकोसला रच रहा है। मान ने कहा कि ऐसे नेताओं को लोगों की कचहरी में नंगा किया जायेगा और लोगों को बताया जाएगा कि इनके हाथ पंजाबियों के खून से रंगे हुए हैं। 

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