भूकंप के झटके : असम के मोरीगांव में सुबह 2:25 बजे 5.0 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका असर असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार और दिल्ली-एनसीआर तक महसूस किया गया। गुवाहाटी, नागांव और तेजपुर में तेज झटके आने से लोग जाग गए। सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। पूर्वोत्तर भारत संवेदनशील भूकंप जोन 5 में आता है

असम के मोरीगांव में आज सुबह 2:25 बजे 5.0 तीव्रता का भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक इसका केंद्र मोरीगांव था और गहराई 16 किलोमीटर थी। असम के अलावा मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार और दिल्ली-एनसीआर तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। आधी रात के बाद अचानक आए झटकों से कई लोग डरकर अपने घरों से बाहर निकल आए। गुवाहाटी, नागांव और तेजपुर में झटके ज्यादा तेज थे, जिससे लोग जाग गए। लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रियाएं भी दीं।

असम के मोरीगांव में आज सुबह 2:25 बजे 5.0 तीव्रता का भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक इसका केंद्र मोरीगांव था और गहराई 16 किलोमीटर थी। असम के अलावा मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार और दिल्ली-एनसीआर तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। आधी रात के बाद अचानक आए झटकों से कई लोग डरकर अपने घरों से बाहर निकल आए। गुवाहाटी, नागांव और तेजपुर में झटके ज्यादा तेज थे, जिससे लोग जाग गए। लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रियाएं भी दीं।
कुछ लोगों ने इसे डरावना बताया तो कुछ ने इसे हल्का भूकंप बताया। हालांकि अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है। पूर्वोत्तर भारत भूकंप के लिहाज से संवेदनशील जोन में आता है, जहां अक्सर ऐसे झटके महसूस किए जाते हैं। भूकंप का सबसे ज्यादा असर असम में देखने को मिला। गुवाहाटी, नागांव और तेजपुर जैसे शहरों में भूकंप के झटके इतने तेज थे कि लोग नींद से जाग गए। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने लिखा कि भूकंप इतना तेज था कि पंखे और खिड़कियां हिलने लगीं। कुछ जगहों पर लोग डर के मारे घरों से बाहर निकल आए। हालांकि राहत की बात यह है कि अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है।
दिल्ली-एनसीआर में भी महसूस किए गए झटके
दिल्ली और आसपास के इलाकों- नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद में भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। हालांकि, भूकंप का झटका ज्यादा तेज नहीं था, इसलिए ज्यादातर लोग इसे महसूस नहीं कर पाए और उनकी नींद में खलल नहीं पड़ा। पूर्वोत्तर भारत में भूकंप का खतरा क्यों? भूकंप के लिहाज से पूर्वोत्तर भारत सबसे संवेदनशील जोन 5 में आता है। इस क्षेत्र में हल्के से मध्यम तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल के कारण इस क्षेत्र में भूकंप की संभावना अधिक बनी रहती है।
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