
बीजेपी हाईकमान के इस फैसले से साफ हो गया है कि बीजेपी नेतृत्व उत्तराखंड के प्रदेश संगठन और सरकार से खुश है। यही वजह है कि बीजेपी हाईकमान फिलहाल कोई बदलाव नहीं करना चाहता है। इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार जयसिंह रावत ने कहा कि महेंद्र भट्ट का फिर से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनना दर्शाता है कि हाईकमान संगठन में कोई बदलाव नहीं चाहता है। बीजेपी हाईकमान का यह फैसला दर्शाता है कि वह सरकार और संगठन के काम से संतुष्ट है।
बीजेपी में यह फॉर्मूला पहले से ही चला आ रहा है कि अगर मुख्यमंत्री कुमाऊं से होगा तो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष गढ़वाल से होगा। अगर सीएम गढ़वाल से होगा तो प्रदेश अध्यक्ष कुमाऊं से होगा। इसी तरह अगर मुख्यमंत्री ठाकुर होगा तो प्रदेश अध्यक्ष ब्राह्मण होगा। मुख्यमंत्री ब्राह्मण होगा तो प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर होगा। उत्तराखंड से लेकर अब तक दोनों ही पार्टियों ने चाहे वह भाजपा हो या कांग्रेस, इस फॉर्मूले को कायम रखा है। फिलहाल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष गढ़वाल से ब्राह्मण हैं और मुख्यमंत्री कुमाऊं से ठाकुर हैं। जिसके चलते माना जा रहा है कि सरकार में नेतृत्व में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होगा। अभी तक चर्चाएं थीं कि मंत्रिमंडल में मंत्रियों के कई पद खाली हैं और ज्यादातर विभाग मुख्यमंत्री की झोली में हैं।

अगर 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्ता परिवर्तन होता है तो कुमाऊं से किसी ठाकुर चेहरे को प्रदेश की कमान देनी होगी। हालांकि अभी तक मुख्यमंत्री पद के लिए जिन लोगों के नाम चर्चा में थे, वे सभी ब्राह्मण चेहरे थे, लेकिन अब वह समीकरण पूरी तरह बदल गया है। उधर, महेंद्र भट्ट के चुनाव को लेकर भाजपा सांसद अनिल बलूनी का कहना है कि भाजपा संगठन में जिस तरह का चुनाव होता है, वैसा कहीं और नहीं अपनाया जाता।
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने कहा कि महेंद्र भट्ट के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद सभी चुनाव जीते हैं और संगठन का विस्तार हुआ है। महेंद्र भट्ट का एक समाजसेवी से लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष तक का लंबा राजनीतिक सफर है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए सभी को साथ लेकर संगठन को गति देने में उनका बहुत बड़ा योगदान है। After Mahendra Bhatt’s coronation Uttrakhand BJP