न्यायमूर्ति समीर जैन ने गुरुवार को इरफ़ान सोलंकी, रिज़वान सोलंकी और इसराइल अट्टेवाला की ज़मानत याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता इमरानउल्लाह और विनीत सिंह ने बहस की। अदालत ने 2 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। तीनों के खिलाफ कानपुर के जाजमऊ थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यह मुकदमा दिसंबर 2022 में पूर्व विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी और इसराइल आटेवाला के खिलाफ दर्ज किया गया था, जो महाराजगंज जिला जेल में बंद हैं। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि तीनों आरोपियों को उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों में जमानत मिल चुकी है। इसलिए गैंगस्टर एक्ट के तहत भी जमानत दी जानी चाहिए। याचिकाकर्ताओं के खिलाफ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण मामले दर्ज किए गए थे। अदालत ने सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद तीनों को जमानत दे दी।
इससे पहले, 18 सितंबर को, सपा नेता आजम खान को भी इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी। यह मामला क्वालिटी बार पर अवैध कब्जे से जुड़ा था। रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा जमानत याचिका खारिज होने के बाद आजम खान ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। उनकी ओर से अधिवक्ता इमरानउल्लाह ने बहस की। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें रंजिश के कारण फंसाया जा रहा है। उन्होंने दलील दी कि मामला 2019 में दर्ज किया गया था, जबकि आजम को 2024 में आरोपी बनाया गया था।