Elvish Yadav Arrested With Poisonous Snakes : युट्यूबर एल्विश यादव जहरीले सांपो के साथ गिरफ्तार, जानिए, रेव पार्टी में क्यों मंगवाए थे जहरीले सांप
Published By Roshan Lal Saini
Elvish Yadav Arrested With Poisonous Snakes : उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 49 थाने में दर्ज केस ने सनसनी मचा दी है। रेव पार्टी में छापेमारी के बाद पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। वेडिंग विला में पार्टी के लिए सांप के जहर की आपूर्ति करने वाला गिरोह भी पकड़ा गया है। वन विभाग, पुलिस एवं पीपल फॉर एनिमल के सदस्यों के साथ मौके पर पहुंचकर संदिग्धों की तलाशी ली। आरोपियों के पास से एक बैग बरामद किया गया है। बैग में अलग-अलग पिंडियों में नौ सांप बरामद किए गए हैं। टीम ने सांप का जहर कंज्यूम करने वाले एक व्यक्ति को भी पकड़ा है। वन विभाग और पुलिस के पास काफी समय से इनपुट था कि शहर में बड़े पैमाने पर सांपों की तस्करी करने वाला गिरोह सक्रिय है। इस पर कार्रवाई की गई है। ऐसे में आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर सांपों के जहर का कारोबार कैसे होता है? इसका जवाब है कि सांपों के जहर का कारोबारा करोड़ों-अरबों का होता है।
मेट्रो शहरों रेव पार्टियों में सांप के जहर की बड़े पैमाने पर डिमांड होती है। पुलिस द्वारा की गई जांच में भी इस संबंध में बड़ा खुलासा हुआ है। नोएडा में संचालित गैंग इन पार्टियों में जहरीले सांपों का जहर सप्लाई करते थे। इसके एवज में वे लाखों कमाते थे। साथ ही प्रतिबंधित प्रजाति के अजगरों को आसपास के जंगलों से नहीं बल्कि नेशनल पार्क से लाकर मोटी कीमत पर बेचे जाने के खेल की जानकारी सामने आई है। यह भी खुलासा हुआ है कि बड़े शहरों की रेव पार्टियों में कोबरे के जहर का प्रयोग नशे के लिए होता है। Elvish Yadav Arrested With Poisonous Snakes
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मेट्रो शहरों में सांप के जहर की डिमांड काफी ज्यादा है। शायद यही वजह है कि सांप के जहर की कीमत भी उसी हिसाब से वसूली जाती है। जानकारी के मुताबिक़ सांप के जहर के 10 ग्राम की सीसी एक लाख रुपये में बिकती है। इंटरनेशनल मार्केट में भी सांप के जहर की मांग बढ़ती जा रही है लेकिन सांप और उसका जहर बेचना भारत समेत ज्यादातर देशों में कानून अपराध है। जिसके चलते कई बड़े गिरोह सांप के जहर के साथ-सथ सांपों की तस्करी में कर रहे हैं। पुलिस के मुताबिक़ तस्करी के तार नोएडा से लेकर गाजियाबाद और मथुरा तक फैले हुए हैं। जांच में जानकारी सामने आई है कि गाजियाबाद के एक तस्कर को जहर की सप्लाई करते थे। वहां से यह मार्केट में उतारा जाता था। हालांकि पुलिस अभी तक संबंधित व्यक्ति की तलाश नहीं कर पाई है। Elvish Yadav Arrested With Poisonous Snakes
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विशेषज्ञों के अनुसार वैसे तो सांपों की करीब तीन हजार प्रजातियां है। इसमें से करीब बहज 600 प्रजाति ही जहरीले हैं। सांपों के जहर में मुख्य रूप से पेप ज्वार, एंजाइम और अन्य प्वायजनस पदार्थ होते हैं। हर जहरीले सांप का अपना विशिष्ट जहर होता है। जबकि सांपों के जहर दो प्रकार के होते हैं। इसमें हेमोटॉक्सिन और न्यूरोटॉक्सिन शामिल हैं। हेमोटॉक्सिन जहर मानव शरीर के संचार प्रणाली को टारगेट करता है। थक्के बनाने वाले यौगिकों को सही ढंग से काम करने से रोकता है। इससे काफी तेज ब्लड सर्कुलेशन होता है। न्यूरोटॉक्सिन केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को टारगेट करते हैं। ये मांसपेशियों को काम करने से रोकते हैं। इससे दम घुट जाता है। न्यूरोटॉक्सिन से बना जहर बहुत घातक होता है। यह ह्यूमन बॉडी के सिस्टम को क्रैश कर देता है। इससे तत्काल मौत हो जाती है। सांप के जहर से दवाओं का भी निर्माण किया है। Elvish Yadav Arrested With Poisonous Snakes
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यह दिल के दौरे और ब्लड से संबंधित रोगों को ठीक करने में सहायक हो सकता है। हेमोटॉक्सिन से प्राप्त दवाओं का उपयोग दिल के दौरे और ब्लड से संबंधित बीमारियों के उपचार में किया जाता है। हाई ब्लड प्रेसर के इलाज के लिए सांप के जहर से पहली दवा विकसित की गई। यह जहर ब्राजीलियाई पिट वाइपर से लिया गया था। इस जहर में एक प्रोटीन होता है जो एंजियोटेंसिन एंजाइम को सही ढंग से काम करने से रोकता है। ह्यूमन बॉडी ब्लड प्रेसर को स्थिर बनाए रखने के लिए इस एंजाइम का उपयोग किया जाता है। मेडिकल रिसर्च में सांप की जहर के प्रोटीन का एक सिंथेटिक संस्करण विकसित किया है, जिसका उपयोग हाई ब्लड प्रेसर के इलाज में होता है। Elvish Yadav Arrested With Poisonous Snakes
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हेमोटॉक्सिन से प्राप्त अन्य दवाओं में इप्टिफाइबेटाइड शामिल है। इनसे बनने वाली दवाओं का उपयोग छोटे दिल के दौरे के इलाज में किया जाता है। वे रक्त के थक्कों को घोलने और रोकने में मदद करके काम करते हैं। सांप के जहर से कैंसर के इलाज के लिए भी रिसर्च हो रहा है। एक मेडिकल रिसर्च में पाया गया है कि सांप के जहर में एक प्रोटीन होता है वह कैंसर को फैलने से रोकने में सहायक होता है। रिसर्च में यह भी पाया गया है कि मलायन पिट वाइपर के जहर की छोटी खुराक स्ट्रोक से संबंधित रक्त के थक्कों को घोलने और नए थक्कों को बनने से रोकने में मदद करती है। न्यूरोटॉक्सिन से प्राप्त दवाओं का उपयोग मस्तिष्क की चोटों, स्ट्रोक और अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसी बीमारियों में किया जाता है। ऐसे में इसकी कीमत करोड़ों में हो जाती है। Elvish Yadav Arrested With Poisonous Snakes
विशेषज्ञ बताते हैं कि सांप के जहर का प्रभाव पांच से छह दिनों तक रहता है। सांप के जहर को लेने पहले इसे लाइट बनाया जाता है। इसके बाद ही इसे कंज्यूम किया जाता है। यह लोगों के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। डॉ. दिवाकर तेजस्वी बताते हैं कि अमूमन ड्रग्स लेने के आदी ही कोबरा के जहर को लेते हैं। उन्हें यह जहर पांच से छह दिनों तक प्रभावित रखता है। Elvish Yadav Arrested With Poisonous Snakes