Swami Prasad Maurya Petition Rejected : रामचरितमानस प्रतियां जलाने के मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य को हाईकोर्ट का झटका, खारिज की याचिका

SP Mourya Controversial Statement On Mata Lakshmi

Swami Prasad Maurya Petition Rejected : रामचरितमानस प्रतियां जलाने के मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य को हाईकोर्ट का झटका, खारिज की याचिका

Published By Roshan Lal Saini

Swami Prasad Maurya Petition Rejected : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व केबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को हाईकोर्ट से जोर का झटका धीरे से लगा है। कोर्ट ने रामचरितमानस की प्रतियां जलाए जाने के मामले में न सिर्फ राहत देने से मना कर दिया बल्कि पर्याप्त सबूत होने के चलते उनकी याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर चल रहे मुकदमे को खारिज करने से साफ़ इंकार कर दिया है। साथ मुकदमे में अगली कार्रवाई की बात कही है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने मामले में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की एक अदालत में उनके खिलाफ चल रही कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी।

Swami Prasad Maurya Petition Rejected

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हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने आदेश पारित करते हुए कहा कि आरोप पत्र और रिकॉर्ड पर मौजूद अन्य सामग्री के अवलोकन से स्वामी मौर्य पर निचली अदालत में मुकदमे का सामना करना मामला बनता है। हाईकोर्ट लखनऊ बैंच की पीठ का कहना है कि सभी जन प्रतिनिधियों को सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए। न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने यह आदेश पारित किया। Swami Prasad Maurya Petition Rejected

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आपको बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी याचिका में निचली अदालत द्वारा पारित आरोप पत्र और समन आदेश को हाईकोर्ट की लखनऊ बैंच में चुनौती दी थी। याचिका दाखिल किये जाने के बाद अदालत ने स्वामी प्रसाद मौर्य को मुकदमे का सामना करने के लिए अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया था। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने याचिका के माध्यम से दलील देते हुए कहा था कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत उनके खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया था जबकि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं थे। ऐसे में अगर उन्हें उक्त मुकदमे का सामना करना पड़ा तो यह उचित नहीं होगा। Swami Prasad Maurya Petition Rejected

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अधिवक्ता संतोष कुमार मिश्रा की शिकायत के स्वामी प्रसाद मौर्य, सपा विधायक आरके वर्मा और अन्य के खिलाफ आधार पर 1 फरवरी को प्रतापगढ़ जिले की कोतवाली पुलिस में एफआईआर दर्ज की गई थी। अधिवक्ता की ओर से दर्ज कराई गई FIR में आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने हिंदू पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस की प्रतियां जलाई हैं। जिससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का गंभीर अपराध किया। Swami Prasad Maurya Petition Rejected

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पुलिस ने बाद में मौर्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया और निचली अदालत ने सपा नेता को समन जारी किया और उन्हें अदालत में पेश होने और मुकदमे का सामना करने के लिए कहा मौर्य ने इस कार्यवाही को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। स्वामी प्रसाद की याचिका का विरोध करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता वीके शाही और सरकारी वकील वीके सिंह ने तर्क दिया कि सपा नेता आदतन सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए ऐसे कृत्यों में लिप्त रहते हैं और रिकॉर्ड से प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सबूत उपलब्ध थे। इसलिए निचली अदालत की कार्यवाही को रद्द नहीं किया जा सकता। इस मामले को लेकर लखनऊ के पीजीआई थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। Swami Prasad Maurya Petition Rejected

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