आपको बता दें कि लोहा मंडी एसीपी मयंक तिवारी ने बताया कि प्रमोद का 40 गज का मकान है। प्रमोद ने अपनी ई-स्कूटी घर की गैलरी में ही चार्जिंग पर लगा दी थी। इसके बाद वह घर की पहली मंजिल पर सोने चला गया। मंगलवार सुबह करीब 4 बजे ई-स्कूटी चार्ज करते समय शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। देखते ही देखते पूरा घर आग की लपटों में घिर गया। भगवती प्रसाद और उर्मिला देवी के साथ प्रमोद की बेटी काकुल भी आग की लपटों में फंस गई। बेटी काकुल के चिल्लाने पर घर की पहली मंजिल पर सो रहे पिता प्रमोद और परिवार के अन्य सदस्य दौड़कर वहाँ पहुँचे। तब तक भगवती प्रसाद आग की लपटों में ज़िंदा जलकर मर चुके थे। लगभग डेढ़ घंटे बाद उर्मिला देवी ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
प्रमोद ने बताया कि बेटी काकुल की आवाज़ सुनकर मेरी नींद खुली तो मैं कमरे में माँ और पिताजी के पास गया। मैंने शोर मचाया, जिसके बाद पड़ोसी भी मदद के लिए आ गए। लोगों की मदद से मैंने माता-पिता को बाहर निकाला। तब तक पिता भगवती प्रसाद ज़िंदा जलकर मर चुके थे। माँ उर्मिला देवी की साँसें चल रही थीं, उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहाँ इलाज के दौरान माँ की भी मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार, लक्ष्मी नगर कॉलोनी निवासी प्रमोद अग्रवाल किराना का व्यवसाय करते हैं। उनके घर के पास ही किराना की दुकान भी है। प्रमोद अग्रवाल के पिता भगवती प्रसाद (95) और माँ उर्मिला देवी (85) भी उनके साथ रहते हैं। प्रमोद के बड़े भाई विजय मथुरा में रहते हैं, जबकि छोटे भाई रामेश्वर बिचपुरी में रहते हैं। परिवार में प्रमोद की पत्नी और बेटी के अलावा उनके माता-पिता भी रहते थे। Agra News