चंद्र ग्रहण 2025 : आगामी 7 सितंबर 2025, रविवार को पूर्ण चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। जो रात्रि 9:58 बजे शुरू होकर मध्यरात्रि 1:26 बजे समाप्त होगा। ग्रहण का सूतक 7 सितंबर को दोपहर 12:58 बजे से शुरू होकर ग्रहण समाप्ति तक रहेगा। यह ग्रहण पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र और कुंभ राशि पर लग रहा है।

इसलिए इस नक्षत्र और इस राशि के जातकों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। चूँकि यह ग्रहण पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र और कुंभ राशि के लिए शुभ नहीं है, इसलिए इस राशि के जातकों को अपनी राशि के स्वामी शनिदेव का जाप करना और उनसे संबंधित काली वस्तुओं का दान करना लाभकारी रहेगा।
सभी प्रकार के दुर्भाग्य के निवारण हेतु कांसे के बर्तन में देसी घी भरकर उसमें अपना प्रतिबिंब देखकर दान करने से लाभ होगा। आइए विचार करें कि यह ग्रहण विभिन्न राशियों पर क्या प्रभाव डालेगा।
वृषभ : राशि वालों के लिए यह ग्रहण शरीर में रोग और पीड़ा बढ़ाएगा।
कर्क : राशि वालों के लिए यह ग्रहण शत्रुओं का भय रहेगा। यह सामान्यतः लाभकारी रहेगा, लेकिन खर्चों की अधिकता रहेगी।
सिंह : राशि वालों के लिए यह ग्रहण जीवनसाथी से संबंधित चिंताएँ उत्पन्न करेगा।
तुला : राशि वालों के लिए संतान संबंधी चिंताएँ रहेंगी और महत्वपूर्ण कार्यों में देरी होगी।
वृश्चिक : राशि वालों के लिए कार्य में सफलता मिलने के योग हैं। सभी प्रकार से लाभ मिलने के योग बनेंगे।
धनु : राशि वालों के लिए भी यह ग्रहण लाभकारी और उन्नति देने वाला होगा।
मकर : राशि वालों के लिए यह ग्रहण धन हानि और व्यर्थ यात्राओं का कारण बनेगा।
कुंभ : राशि वालों को विशेष सावधानी बरतनी आवश्यक है। अचानक दुर्घटना की संभावना बन सकती है। शरीर में कष्ट की संभावना बन सकती है और शत्रुओं में वृद्धि हो सकती है।
मीन : राशि वालों के लिए यह धन हानि और चिंता का कारण बनेगा। कुछ समय बाद जब बृहस्पति की दृष्टि चंद्रमा और राहु पर पड़ेगी, तो इस ग्रहण का अशुभ प्रभाव स्वतः ही समाप्त हो जाएगा।ग्रहण काल में क्या करें:-
ग्रहण प्रारंभ होने पर स्नान करना चाहिए। मध्य में जप होम पूजा करनी चाहिए और ग्रहण समाप्ति पर स्नान करके अन्न, वस्त्र, धन आदि का दान करना चाहिए।
परिवार का कोई भी सदस्य नारियल जल प्रवाह कर सकता है। यह कार्य सूर्योदय के बाद भी किया जा सकता है।
ग्रहण काल में क्या नहीं करना चाहिए:-
झूठ और छल से दूर रहना चाहिए। अधिक बातचीत नहीं करनी चाहिए।
शौच-मूत्र त्याग से भी बचना चाहिए। नाखून काटना, बाल काटना, विशेषकर गर्भवती महिलाओं को फल-सब्जी आदि काटने और अग्नि संबंधी कार्यों से दूर रहना चाहिए।
रोगी आवश्यकतानुसार जल औषधि आदि का सेवन कर सकते हैं।
सिद्धपीठ शिव बगलामुखी मंदिर
ब्रह्मपुरी कॉलोनी, पेपर मिल रोड, सहारनपुर