सहारनपुर : अगर आप खांसी की दवा और दर्द निवारक गोलियों का सेवन करते हैं, तो आपके लिए यह खबर पढ़ना बेहद ज़रूरी है। क्योंकि बाज़ार में कई बीमारियों की नकली दवाइयाँ बिक रही हैं। सहारनपुर औषधि प्रशासन विभाग द्वारा लिए गए दो दवाओं के सैंपल जाँच में फेल हो गए हैं। इनमें से एक खांसी की दवा है और दूसरी दर्द की समस्या से निजात दिलाने वाली गोली। औषधि प्रशासन विभाग ने विक्रेता और निर्माता कंपनी को नोटिस जारी किया है।
बता दें कि सहारनपुर ज़िले में नकली और मिलावटी दवाओं का धंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहाँ एक ओर प्रतिबंधित दवाओं की बड़ी खेप बाज़ार में आ रही है, वहीं नकली दवाओं का भी अंबार लगा हुआ है। औषधि प्रशासन विभाग छापेमारी और एक-दो दवाओं के सैंपल लेकर महज औपचारिकता पूरी कर रहा है। औषधि विभाग की टीम ने अप्रैल 2025 में सुल्तानपुर-चिलकाना स्थित मुस्कान मेडिकल स्टोर का निरीक्षण करते हुए दो दवाओं के नमूने लिए थे। इन दवाओं के नमूने परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेजे गए थे।
औषधि निरीक्षक राघवेंद्र सिंह ने बताया कि मुस्कान मेडिकल स्टोर से लिए गए सैरीब्रो एलएल सिरप और बूटा पावर टैबलेट के नमूने परीक्षण में फेल हो गए हैं। इस नमूने के फेल होने के बाद मेडिकल स्टोर के साथ-साथ अंबाला और उत्तराखंड की निर्माता कंपनी को नोटिस जारी किया गया है। हैरानी की बात यह है कि जब दवाओं के नमूने फेल हो गए हैं, तो औषधि विभाग संबंधित कंपनियों पर कार्रवाई करने के बजाय नोटिस-नोटिस क्यों खेल रहा है?
जिले में नकली दवा बनाने की फैक्ट्री पकड़ी जा चुकी है। सितंबर 2024 में केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो दिल्ली की टीम ने देवबंद के मंझौल जबर्दस्तपुर गांव में छापा मारकर नकली दवा बनाने की फैक्ट्री पकड़ी थी। यहां से तीन करोड़ की नकली दवाएं और आठ करोड़ की मशीनें बरामद हुई थीं। इसके अलावा दिसंबर 2024 में दिल्ली रोड स्थित एक सरकारी फ्लैट से नकली दवाओं का जखीरा जब्त किया गया था। मौके से पैकिंग मशीनें और दवाइयों की बोरियां बरामद की गईं। Saharanpur News