कोर्ट के आदेश के मुताबिक, संभल की शाही जामा मस्जिद में तीन सदस्यीय कमेटी की निगरानी में रंगाई-पुताई की जायेगी। कोर्ट ने कहा है कि एएसआई और वैज्ञानिकों के अलावा प्रशासन के एक अधिकारी की तीन सदस्यीय कमेटी बनाई जाए। यह कमेटी आज ही मस्जिद परिसर का दौरा करेगी। इस कमेटी की जिम्मेदारी यह देखना होगी कि रंगाई-पुताई के दौरान मस्जिद के ढांचे को कोई नुकसान न पहुंचे और यह कमेटी रंगाई-पुताई से जुड़ी जानकारी कल कोर्ट के सामने पेश करेगी। मस्जिद की रंगाई-पुताई और रखरखाव का मामला मस्जिद कमेटी के वकील फरमान नकवी ने उठाया था। जिसमें अब हिंदू संगठनों को बड़ा झटका लगा है।
दरअसल शाही मस्जिद की पुताई को लेकर वकील फरमान नकवी ने हाईकोर्ट के सामने एक पुराने समझौते का जिक्र किया। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि वे सफाई करना चाहते हैं और यह छोटा सा काम है। इसके साथ ही कोर्ट ने एएसआई से भी अपना पक्ष रखने को कहा। जिस पर एएसआई ने कहा कि सफाई और मरम्मत का जिक्र समझौते में था।
हिंदू पक्ष के वकील हरि शंकर जैन ने मस्जिद में दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि सफाई के नाम पर मस्जिद के अंदर हिंदू कलाकृतियों को नष्ट करने की योजना है। जिस पर कोर्ट ने कहा कि हम हिंदू पक्ष की आपत्ति समझते हैं, कोर्ट आपकी चिंता को ध्यान में रखते हुए आदेश पारित करेगा। कोर्ट ने कहा कि हम पुताई की अनुमति तभी देंगे जब पूरी कवायद की वीडियोग्राफी होगी। इस दौरान इमारत को कोई नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। कोर्ट ने आगे कहा कि हिंदू पक्ष की आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए यह कवायद की जानी चाहिए। Saharanpur