आपको बता दें कि कासगंज जिले में 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा के दौरान हुए उपद्रव में चंदन गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के पिता ने नामजद समेत 20 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस ने कुल 31 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की।
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 18 गवाह पेश किए गए। वहीं बचाव पक्ष की ओर से 23 गवाह पेश किए गए। देशद्रोह की धारा 124 ए पर सुनवाई नहीं हुई, क्योंकि इसे सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित कर दिया है। सुनवाई के दौरान एक आरोपी अजीजुद्दीन की मौत हो गई, जिसके बाद उसकी कार्यवाही समाप्त कर दी गई। मामले में दो आरोपियों नसरुद्दीन और आसिम कुरैशी को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया।
कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा में चंदन गुप्ता की हत्या के मामले में एनआईए के विशेष न्यायाधीश ने 28 आरोपियों को दोषी पाया है। इनमें आसिफ कुरैशी उर्फ हिटलर, असलम कुरैशी, आसिम कुरैशी, शबाब, साकिब, मुनाजिर रफी, आमिर रफी, सलीम, वसीम, नसीम, बबलू, अकरम, तौफीक, मोहसिन, राहत, सलमान, आसिफ जिम वाला, निशु, वासिफ, इमरान, शमशाद, जफर, शाकिर, खालिद परवेज, फैजान, इमरान, शाकिर, जाहिद उर्फ जग्गा शामिल हैं। सभी आरोपियों को 3 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी।
दरअसल घटना के दिन चंदन की उम्र 20 साल थी। वह बीकॉम फाइनल ईयर का छात्र था। वह परिवार में सबसे छोटा था और सभी का लाडला था। चंदन की हत्या के बाद कासगंज में हिंसा भड़क गई थी। यहां कई दिनों तक कर्फ्यू लगा रहा। इस घटना के बाद एक हफ्ते तक हालात खराब रहे। उसके बाद स्थिति सामान्य हो गई।