किसान आंदोलन : नोएडा में किसान आंदोलन में हिस्सा लेने जा रहे पश्चमी उत्तर प्रदेश के किसानों को पुलिस ने बीच रास्ते में आई चेकपोस्ट और अन्य स्थानों पर रोक लिया। जबकि कई किसान नेताओं को नजरबंद कर दिया गया। जिससे यहां के किसान और किसान नेता किसान आंदोलन में नहीं पहुँच पाए। ग्रेटर नोएडा में दलित प्रेरणा स्थल से किसानों को हटाकर जेल भेजे जाने से नाराज भारतीय किसान यूनियन ने आज ग्रेटर नोएडा के जीरो प्वाइंट पर महापंचायत बुलाई है। इसमें यूनियन नेता राकेश टिकैत के भी शामिल होने की बात कही जा रही है। हालांकि, पुलिस ने उन्हें अलीगढ़ में ही नोएडा जाने से रोक दिया। वहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश से भी बड़ी संख्या में किसान एकत्र होकर नोएडा के लिए रवाना हुए। लेकिन पुलिस ने उन्हें नोएडा जाने से रोक दिया। मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर और सहारनपुर से आ रहे किसानों को पुलिस ने टोल पर ही रोक लिया। वहीं, किसान टोल पर ही धरने पर बैठ गए।
दरअसल, यूनियन के पश्चिमी यूपी अध्यक्ष पवन खटाना और अन्य किसानों के साथ संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को जेल भेजे जाने की खबर संगठनों के हाईकमान तक पहुंची। इसके बाद सोशल मीडिया पर राकेश टिकैत ने शाम 4:00 बजे सिसौली में सभी जिला अध्यक्षों और पदाधिकारियों की बैठक बुलाई। इस बैठक पर विचार करने के बाद महापंचायत बुलाने का फैसला लिया गया। इसमें राकेश टिकैत, भाकियू पदाधिकारी और जिला अध्यक्षों समेत अन्य किसान नेताओं के पहुंचने की बात कही गई।
आज संयुक्त किसान मोर्चा के हवन में भागकर आए प्रदेश के पांच मंडलों सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, आगरा और मुरादाबाद के किसानों ने ग्रेटर नोएडा कूच करने का ऐलान किया था। मेरठ और सहारनपुर मंडल के किसान परतापुर में एकत्र होकर नोएडा के लिए निकले तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इस दौरान किसान कार्यकर्ताओं ने खूब हंगामा किया। वहीं, पश्चिमी यूपी के विभिन्न शहरों में पुलिस ने बड़े किसान नेताओं को उनके घरों और आवासों पर नजरबंद कर दिया।
भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत का कहना है कि किसान मुश्किल हालातों का सामना कर रहे हैं। खाद, बिजली, मजदूरी के रेट बढ़ रहे हैं। फसलों की उत्पादन लागत बढ़ गई है, लेकिन सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि गन्ने की फसल के दाम हर साल नहीं बढ़ेंगे। अगर किसानों का संगठन कमजोर हुआ तो किसी को बख्शा नहीं जाएगा। सभी को भेदभाव भूलकर आंदोलन करना होगा। आंदोलन के कमजोर होने से किसानों की हार होगी।
किसान भवन में आयोजित पंचायत में नरेश टिकैत ने कहा कि 10 बीघा जमीन के मालिक को नौ बीघा जमीन का मुआवजा दिया जा रहा है। हाईवे, आवासीय कॉलोनी के नाम पर किसानों की महंगी जमीन छीनी जा रही है। भेदभावपूर्ण मुआवजा दिया जा रहा है। नोएडा में किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए मुजफ्फरनगर से जा रहे किसानों को पुलिस ने खतौली में भंगेला चेकपोस्ट पर रोक लिया। गुस्साए किसान धरने पर बैठ गए। पुलिस से नोकझोंक हुई। दिल्ली-दून हाईवे पर जाम लग गया।
भाकियू के जिला अध्यक्ष नवीन राठी के नेतृत्व में किसान भंगेला पहुंचे। एसडीएम बुढ़ाना मोनालिसा जौहरी और सीओ खतौली रामाशीष यादव भी पुलिस बल के साथ पहुंचे। किसानों को नोएडा जाने से रोक दिया गया। इस दौरान किसान हाईवे पर ही धरने पर बैठ गए। किसानों का कहना था कि उन्हें नोएडा जाने से रोका जा रहा है। करीब आधे घंटे तक चले हंगामे के बाद पुलिस ने किसानों को आगे के लिए रवाना कर दिया। सहारनपुर में किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए छुटमलपुर से नोएडा कूच कर रहे भारतीय किसान यूनियन के नेताओं को पुलिस प्रशासन ने चमारी खेड़ा टोल प्लाजा पर रोक लिया।
सुबह करीब साढ़े सात बजे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता चौधरी रघुवीर सिंह और जिला अध्यक्ष नरेश स्वामी का काफिला जैसे ही फतेहपुर थाना क्षेत्र के चमारी खेड़ा टोल प्लाजा पर पहुंचा तो यहां पहले से तैनात एसडीएम बेहट मानवेंद्र सिंह और सीओ शशि प्रकाश शर्मा ने उन्हें रोक लिया। नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो प्वाइंट पर महापंचायत को सफल बनाने के लिए बागपत जिले से जा रहे भाकियू कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को पुलिस ने नजरबंद कर दिया। बागपत में राष्ट्र वंदना चौक से भारतीय किसान यूनियन दिल्ली एनसीआर के महासचिव प्रदीप धामा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसके अलावा मवीकलां, ढिकौली, अग्रवाल मंडी टटीरी से भी कार्यकर्ताओं को नजरबंद किया गया।