जम्मू-हरियाणा चुनाव : लंबे समय से विधानसभा चुनाव का इंतजार कर रहे जम्मू और कश्मीर में आखिरकार चुनाव होने की घोषणा सर्वोच्च न्यायालय की वज़ह से हो ही गई। जम्मू और कश्मीर जहां साल 2019 या 2020 में ही चुनाव हो जाने चाहिए थे, वहां चुनाव नहीं हुए और इस राज्य को केंद्र अब तक चला रहा था। लेकिन वहां विधानसभा चुनावों की मांग लगातार हो रही थी।
हालांकि चुनाव टालने की अगर बात हो, तो केंद्र की मोदी सरकार इसमें देर नहीं लगाती। मसलन, दिल्ली में एमसीडी के चुनावों को काफी समय तक रोका गया। इसी प्रकार से अभी उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा के उपचुनावों को भी टाला ही जा रहा है। अब कहा जा रहा है कि करीब पांच-छह महीने में वहां उपचुनाव होंगे। Election 2024
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उसके बाद समय ही कहां बचेगा, पांच-छह महीने का मतलब अगले साल यानि 2025 भी हो सकता है और उसके बाद 2027 में मार्च-अप्रैल तक उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव होने हैं। अगर मध्यावधि चुनावों को टालने की बात करें, तो इस समय सबसे ताजा उदाहरण हरियाणा का ही है, जहां भाजपा की अल्पमत की सरकार चल रही है। विपक्षी दल कोई भी हो, अल्पमत तो छोड़िए, उसकी बहुमत की भी सरकार चलाना भारी पड़ता है। Election 2024
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बहरहाल, केंद्रीय चुनाव आयोग ने स्वतंत्रता दिवस के अगले दिन जिस प्रकार से जम्मू और कश्मीर के अलावा हरियाणा में भी विधानसभा चुनावों की घोषणा कर दी है, लेकिन झारखंड और महाराष्ट्र के चुनावों को टाल दिया गया है? राजनीति के कई जानकारों का आरोप है कि भाजपा को जहां हार का डर होता है, वहां के चुनाव टाले ही जाते हैं। जहां उसकी गोटियां फिट बैठने लगती हैं, वहां चुनावों में देरी नहीं की जाती। Election 2024
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हालांकि इस आरोप को न भी मानें, तो भी चुनाव आयोग को ऐसी क्या दिक्कत आन पड़ी कि वो दो राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा करता है और दो में नहीं? और उत्तर प्रदेश के उपचुनावों को टालने की क्या वजह है? इससे जनता में चुनाव की खराब होती छवि क्या और खराब नहीं होगी? पहले ही पिछले दिनों हुए लोकसभा चुनावों में वोट बढ़ाने के आरोप चुनाव आयोग पर लग चुके हैं और मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा चुका है। Election 2024
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