71 साल के पति ने 65 साल की पत्नी को दिया तलाक, 50 साल की शादी के बाद तलाक से ब्रेकअप, राजधानी में चर्चा का विषय बनी कहानी – Lucknow News

Divorced after 50 Years

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से तलाक का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहाँ एक बुजुर्ग दंपत्ति ने शादी के 50 साल बाद एक-दूसरे को तलाक दे दिया। गुरुप्रसाद और रामदेई की शादी 1975 में हुई थी। मामूली बात पर अनबन के बाद, दोनों 1990 से अलग रह रहे थे। बुजुर्ग दंपत्ति का यह मामला 2009 से पारिवारिक न्यायालय में चल रहा था।

बता दें कि वैवाहिक जीवन में झगड़े, मनमुटाव और कलह हमेशा बनी रहती है। कई बार विवाद बढ़ने पर बात तलाक तक पहुँच जाती है। आमतौर पर ऐसे मामले शादी के पाँच-सात साल के अंदर ही सामने आ जाते हैं। राजधानी में 71 साल के एक व्यक्ति और उसकी 65 साल की पत्नी के बीच शादी के 50 साल बाद तलाक का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इन दोनों के बीच यह मामला पारिवारिक न्यायालय में काफी समय तक चला।

अदालत ने दोनों पक्षों को साथ रहने के लिए मनाने की पूरी कोशिश की, लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रहीं। काकोरी के कटौली गाँव निवासी गुरुप्रसाद और मलिहाबाद के ईशापुर गाँव निवासी रामदेई की शादी 1975 में हुई थी। शादी के कुछ साल तक तो सब ठीक रहा, लेकिन बाद में छोटी-छोटी बातों पर झगड़े होने लगे। 14 साल साथ रहने के बाद भी दोनों के कोई संतान नहीं हुई। 1990 में अनबन इतनी बढ़ गई कि रामदेई अपने मायके में रहने लगी। दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चलता रहा। 2009 में मामला पारिवारिक न्यायालय पहुँचा। दोनों पक्ष साथ रहने को राजी नहीं हुए।

26 मार्च 2025 को अपर प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय ने हिंदू विवाह अधिनियम के तहत तलाक का फैसला सुनाया। अमर उजाला की टीम ने गुरुप्रसाद और रामदेई से उनके घर पर संपर्क किया। गुरुप्रसाद ने बताया कि उन्होंने कई बार रामदेई को अपने साथ रखने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया। रामदेई और उनके भाई का कहना है कि गुरुप्रसाद ने 1990 के बाद से कभी भी उन्हें अपने साथ रखने की बात नहीं की।

रामदेई का कहना है कि मैं इतने सालों से अपने भाई के साथ रह रही हूँ। बुढ़ापे में कोई सहारा नहीं है। मुझे कोई आर्थिक मदद नहीं मिली। मुझे थोड़े समय के लिए ही गुजारा भत्ता मिला। अब मेरा पूरा जीवन बीत गया है, मैं किससे गुहार लगाऊँ? रामदेई के भाई बालकराम ने आरोप लगाया कि गुरुप्रसाद ने अपनी संपत्ति से मेरी बहन को कुछ नहीं दिया। उसे कुछ महीनों का ही गुजारा भत्ता मिला। भाई ने कहा कि गुरुप्रसाद के पास कई बीघा ज़मीन है, लेकिन उसने उसमें से मेरी बहन को कुछ नहीं दिया। बालकराम ने कहा कि हम आर्थिक रूप से कमज़ोर हैं, लेकिन हम एक बार फिर गुजारा भत्ते के लिए अदालत में अपील करेंगे। Lucknow News

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया News 14 Today के  Facebook  पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें...

Related posts