चंडीगढ़, 7 मई। लोकसभा चुनाव की वोटिंग से ठीक पहले 3 निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस के समर्थन का ऐलान किया है। चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान, पूंडरी से विधायक रणधीर गोलन और नीलोखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर ने बीजेपी से समर्थन वापस लेकर कांग्रेस को समर्थन दिया है।
तीनों ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए, पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान की मौजूदगी में यह ऐलान किया। साथ ही उन्होंने राज्यपाल को समर्थन वापसी का पत्र भी भेजा।
निर्दलीय विधायकों ने एक सुर में कहा कि जनता बीजेपी को आजमा चुकी है। अब बीजेपी को अवसर देने का कोई औचित्य नहीं बनता क्योंकि इस सरकार में हर वर्ग बेरोजगारी, महंगाई, बढ़ते अपराध, फैमिली आईडी, प्रॉपर्टी आईडी से दुखी है। किसान, मजदूर, कर्मचारी, व्यापारी, सरपंच, नंबरदार समेत हर वर्ग आज आंदोलनरत है। सरकार में रहते हुए उन्होंने अलग-अलग मौकों पर बीजेपी को चेताने का काम किया। लेकिन बीजेपी ने अपनी हठधर्मिता नहीं छोड़ी। लेकिन अब जनता की उम्मीद सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस से है। हरियाणा समेत पूरे देश में कांग्रेस के इंडिया गठबंधन की लहर है। गठबंधन को जितवाने के लिए वो तीनों अपनी भागीदारी निभाएंगे और बीजेपी की हार सुनिश्चित करेंगे।
इस मौके पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने तीनों विधायकों का समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए विधायकों ने यह फैसला लिया है। सही समय पर लिया गया उनका सही फैसला रंग जरूर लाएगा। लोकसभा और आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत तय है। जेजेपी और निर्दलीयों के समर्थन वापसी के बाद अब बीजेपी सरकार बहुमत खो चुकी है। इसलिए हरियाणा में तुरंत राष्ट्रपति शासन लागू करके विधानसभा चुनाव करवाए जाने चाहिए। क्योंकि आज जनता ही नहीं बीजेपी को वोट देने वाले और समर्थन देने वाले लोग भी सरकार की नीतियों से दुखी हैं। खुद बीजेपी के नेता व कार्यकर्ता भी इस सरकार से त्रस्त हो चुके हैं। यहीं वजह है कि तमाम लोग बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। अबतक 40 विधायक, पूर्व विधायकों, सांसद, पूर्व सांसद समेत 100 से ज्यादा बड़े नेता पिछले डेढ़ साल में अन्य दलों से कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।
चौधरी उदयभान ने अक्सर लोग विपक्ष को छोड़कर सत्तापक्ष की तरफ जाते हैं, लेकिन इन विधायकों ने सत्तापक्ष को छोड़कर विपक्ष का समर्थन करने का ऐलान किया है। स्पष्ट है कि ये विधायक संघर्ष में साथ देने के मकसद से आगे आए हैं। उनके इस फैसले से निश्चित ही कांग्रेस को मजबूती मिलेगी। 3 विधायकों के समर्थन वापसी और जेजेपी के सरकार से बाहर होने से साफ है कि प्रदेश में अल्पमत की सरकार चल रही है। ऐसे में बीजेपी को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उसे तुरंत सरकार भंग करके विधानसभा चुनाव का सामना करना चाहिए।