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Young Generation Falling Prey To Drugs : युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रही नशाखोरी, इसके लिए जिम्मेदार है हमारा सिस्टम

Young Generation Falling Prey To Drugs : युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रही नशाखोरी, इसके लिए जिम्मेदार है हमारा सिस्टम

Published By Roshan Lal Saini

Young Generation Is Falling Prey To Drugs : जब हम छोटे थे, तो बड़े-बुजुर्ग खेलने-कूदने वाले बच्चों को डांटते हुए कहते थे कि पढ़ लो, नहीं तो ऐसे ही गंवार रह जाओगे। यानि हमारे बड़े-बुजुर्ग अनपढ़ रहने को बर्बादी का एक कारण मानते थे और ये मानते थे कि पढ़ने-लिखने से कोई व्यक्ति काबिल बनता है। लेकिन आज हम देख रहे हैं कि पढ़े-लिखे युवा न सिर्फ बेरोजगार घूम रहे हैं, बल्कि वो बर्बाद भी हैं। दरअसल हिंदुस्तान की आज की युवा पीढ़ी को बर्बाद करने के लिए केवल एक बुराई नहीं बल्कि कई बुराईयां ज़िम्मेदार हैं। और हर बुराई समाज में इतने गहरे तक घर कर चुकी है कि उसे खत्म कर पाना अब नामुमकिन सा लगने लगा है। जिसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार अगर कोई है, तो वो है हमारा सिस्टम।

Young Generation Falling Prey To Drugs

ज़ाहिर है आज की युवा पीढ़ी में नशाखोरी सबसे बड़ी बुराई के रूप में नज़र आती है। आज की युवा पीढ़ी किसी भी छोटी बड़ी समस्या का सामना उसे दृढ़ता से नहीं कर पाती है और वह छोटे-छोटे समस्याओं की उलझन में फंस कर परेशान होकर नशाखोरी की तरफ रख कर लेती है आजकल यह समस्या देश के शिक्षण संस्थाओं में सबसे अधिक देखी जा रही है। आज के युवा समाने आई परेशानी का हल ढूंढने के बजाय अपनी टेंशन से बचने के लिए नशा करने लगते हैं। जिससे उनमें ये लत जल्दी लग जाती है। Young Generation Falling Prey To Drugs

देश के कई राज्य बुरी तरह से नशे की चपेट में आ चुके हैं। ख़ासतौर पर केरल और पंजाब में ड्रग्स एक ऐसी समस्या बन चुकी हैं, नशाखोरी से निपटने के लिए पिछले एक दशक से हर सियासी पार्टी चुनाव में नशे के कारोबार कारोबार पर प्रतिबंध लगाने के वायदे तो जरूर करती है। लेकिन सत्ता में आने के बाद ड्रग्स माफिया पर लगाम लगाने में बेबस नजर आती है। Young Generation Falling Prey To Drugs

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पिछले दिनों गुजरात में पकड़ी गई सैकड़ों किलो ड्रग्स और उसके अलावा तमाम जगहों पर पकड़ी गई ड्रग्स की खेपों के बावजूद सरकारी सिस्टम ने अभी तक कोई ठोस कार्यवाही ड्रग्स माफिया के खिलाफ नहीं की। ज़ाहिर है कि नशाखोरी से युवा पीढ़ी को बचाने के बड़े-बड़े वादे चुनावों में किए जाते रहे हैं और सरकार में आने के बाद पार्टियों के एजेंडे से ये खास काम कहीं किसी भूल-भुलैया में खो जाता है और कभी-कभार, खास तौर पर नशा मुक्ति दिवस के समय पर इसके लिए बड़े-बड़े इश्तिहार और विज्ञापन देखने को ज़रूर मिल जाते हैं। Young Generation Falling Prey To Drugs

दरअसल, ऐसा लगता है कि जैसे ड्रग्स की आपूर्ति को कोई भी बंद नहीं कराना चाहता। ना एजेंसियां, ना पुलिस प्रशासन, जिसका काम नशा तस्करी करने वाली बड़ी मछलियों को सलाखों के पीछे डालना है और न ही राजनीतिक पार्टियां, जो विपक्ष में रहते हुए तो बड़ी-बड़ी बातें करती हैं, लेकिन सत्ता में आने के बाद नशाखोरी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेतीं और उसके लिए पुरानी सरकारों को जिम्मेदार ठहराती रहती हैं। Young Generation Falling Prey To Drugs

राज्य सरकारें केंद्र सरकार की तरफ आशा भरी नजरों से देखती हैं कि वो इस मामले में ठोस कदम उठाए। लेकिन अगर केंद्र सरकार की बात करें, तो सीमा पार से हिंदुस्तान में हर साल कितनी ड्रग्स आती है, इसके आंकड़े तक सरकार के पास नहीं होते हैं? केंद्र सरकार की अगर नशाखोरी से निपटने के बारे में बात करें, तो सरकारी सूत्रों के मुताबिक, सरकार आने वाले दिनों में ड्रग्स तस्करी से निपटने के लिए ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर सकती है। हालांकि पाकिस्तान सीमा की निगरानी के लिए भी ड्रोन से निगरानी की बात सरकार ने कही थी, लेकिन अभी तक ये व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त नहीं हो सकी है। Young Generation Is Falling Prey To Drugs

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आज हिंदुस्तान में करोड़ों लोग, खासतौर पर युवा नशाखोरी के फंदे में फंसे हैं और इसमें छोटे-छोटे बच्चे भी फंसते जा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदुस्तान में करीब 37 करोड़ से ज्यादा लोग नशा करते हैं, जिनमें से करीब 16 करोड़ लोग तो शराब ही पीते हैं। लेकिन अफसोस की बात है कि आज देश में 20 लाख नाबालिग बच्चे गांजा, अफीम जैसे नशों का सेवन कर रहे हैं। शराब पीने वाले किशोरों की संख्या भी करीब 19 फीसदी है। यानि 20 लाख में से करीब 4 लाख के करीब नाबालिग शराब पी रहे हैं। हिंदुस्तान में करीब 1 करोड़ 10 लाक लोग इंजेक्शन से नशा लेते हैं। Young Generation Falling Prey To Drugs

हाल में नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें ड्रग्स को लेकर केरल को नंबर एक पर और पंजाब को नंबर दो पर दर्शाया गया है। पिछले दिनों एनडीपीएस एक्ट के तहत केरल में ऐसे 29 हजार 5 सौ 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जो ड्रग्स की तस्करी करते थे या नशा करते थे। वहीं पंजाब में 16 हजार 8 सौ 31 लोगों को गिरफ्तार किया गया। हालांकि ऐसा नहीं है कि हिंदुस्तान में सिर्फ केरल और पंजाब ही ड्रग्स की चपेट में हों, देश के सभी राज्य आज इसकी चपेट में हैं। Young Generation Falling Prey To Drugs

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मेरा मानना यह है कि सीमा पार से यह नशा पंजाब और पंजाब से हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश और दिल्ली में जड़े जमा चुका है। क्योंकि मैं पश्चिमी यूपी से ताल्लुक रखता हूं और हरियाणा के ग्रामीण समाज के लोगों के संपर्क में हूं तो बड़ी जिम्मेदारी के साथ कैसे कह सकता हूं कि इस क्षेत्र में नशाखोरी युवाओं को बड़ी तेजी से अपनी चपेट में ले रही है। हैरानी की बात यह है कि कोई भी राज्य सरकार या फिर केंद्र सरकार ऐसी कोई ठोस कार्रवाही नहीं कर रही हैं कि नशाखोरी खत्म हो जाए, या फिर ड्रग्स के तस्कर और ड्रग्स लेने वाले खत्म हों। Young Generation Is Falling Prey To Drugs

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दरअसल, विपक्षी पार्टियों के पास सत्ता में बैठी पार्टी को घेरने के लिए मुद्दे चाहिए, इसलिए चाहती वो भी नहीं हैं कि समस्याओं को अंत हो, फिर चाहे वो ड्रग्स का मुद्दा हो, चाहे बेरोजगारी, गरीबी और भुखमरी का या दूसरा कोई मुद्दा हो। क्योंकि अगर ऐसे मुद्दे नहीं होंगे, तो विपक्षी पार्टियों के नेताओं को भी जनता में अपनी पकड़ बनाने में बहुत मुश्किल होगी और वो ऐसे मुद्दों को हथियार बनाकर सड़कों पर सरकार के खिलाफ नहीं उतर सकेंगे। और सरकारें भी नहीं चाहतीं कि मुद्दे खत्म हों, क्योंकि अगर मुद्दे खत्म हो जाएंगे और सब कुछ अच्छा ही अच्छा हो जाएगा, तो फिर घोटाले कैसे होंगे? सत्ता में बैठे नेताओं की कमाई कैसे होगी। Young Generation Falling Prey To Drugs

इसलिए चाहे वो नशाखोरी हो या कोई और बुराई उससे निपटने का नतीजा वही जीरो निकलता है यानि ढाक के तीन पात। इसके अलावा जो ईमानदार अफसर ऐसी बुराइयों से निपटना चाहते भी हैं, वो न सिर्फ बुरे लोगों के दुश्मन बन जाते हैं, बल्कि सत्ताधारियों के निशाने पर भी आ जाते हैं और वह इन मामलों से दूर रहने में ही भलाई समझते हैं। वहीं दूसरी कुछ अफसर भी काले कारनामे करने वालों के न सिर्फ साथ होते हैं, बल्कि खुद भी गलत करते हैं। Young Generation Falling Prey To Drugs

कुछ साल पहले पंजाब में ड्रग्स की खेप के साथ एक एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को पकड़ा गया था। वो उस समय डीएसपी जैसे महत्वपूर्ण पद पर था और ड्रग्स तस्करी रोकने के बजाए खुद ही उसमें लिप्त पाया गया। हालांकि पुलिस महकमे ने उन्हें बर्खास्त कर जेल भेज दिया था, लेकिन इस ड्रग्स तस्करी के पीछे कई सवाल आज भी खड़े हैं? जिनका जवाब देने के बजाय तमाम जिम्मेदार लोग बगलें झांकते नज़र आते हैं। दरअसल माना तो यह जाता है कि पंजाब में कांग्रेस की हार की वजह नशाखोरी ही थी। वहां आम आदमी पार्टी की सरकार बनी। लेकिन आम आदमी पार्टी ने सरकार में आने से पहले चार महीने में पंजाब को नशा मुक्त करने का वादा तो किया था, लेकिन दो साल होने को आए और अभी तक पंजाब नशे से मुक्त नहीं हो सका है। Young Generation Falling Prey To Drugs

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं)

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