Published By Anil Katariya
Rampur Tiraha Case : उत्तराखंड यानि अलग प्रदेश की मांग को लेकर हुए रामपुर तिराह कांड शायद कोई उत्तराखंड निवासी भूल पाए। एक अक्टूबर 1994 की रात में मुज़फ्फरनगर के रामपुर तिराहे पर आंदोलनकारियों पर न सिर्फ यूपी पुलिस ने गोलियां चलाई थी बल्कि महिलाओं के साथ अश्लील हरकतें और अभद्रता भी की गई थी। जिसके चलते करीब 29 सालों से यह मामला अदालत में चला आ रहा है। उक्त मामले में शुक्रवार को आरोपियों ने हाजिरी माफ़ी प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है। अगली सुनवाई के लिए 31 जनवरी की तिथि तय की गई है।
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आपको बता दें कि एक अक्तूबर 1994 की रात उत्तराखंड की मांग के लिए आंदोलनकारी देहरादून से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। लेकिन रात के समय जैसे गाड़ियां मुज़फ्फरनगर के रामपुर तिराहे पर पहुंची तो स्थानीय पुलिस ने उन्हें रोक लिया। आंदोलन कारियों ने दिल्ली जाने के लिए रास्ता खुलवाने को लेकर हंगामा शुरू कर दिया था। देखझते ही देखते हंगामा इतना बढ़ गया कि मुज़फ्फरनगर पुलिस ने आंदोलन कारियों पर न सिर्फ लाठीचार्ज कर दिया बल्कि सीधी फायरिंग भी की गई। जिसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। रात के अँधेरे में आंदोलन कारियों ने खेतों में छिपकर जान बचानी पड़ी थी। Rampur Tiraha Case
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