Loksabha Chunav 2024

Loksabha Chunav 2024 : गुरदासपुर से कटा सनी देओल का टिकट, क्या अभिनेता धर्मेंद्र का परिवार बना सियासी हथियार?

Loksabha Chunav 2024 : गुरदासपुर से कटा सनी देओल का टिकट, क्या अभिनेता धर्मेंद्र का परिवार बना सियासी हथियार?

Published By Roshan Lal Saini

Loksabha Chunav 2024 : बॉलीवुड की दुनिया मुंबई में एक छत्र राज करने वाले अभिनेता धर्मेंद्र का परिवार का कैसे सियासी हथियार के रूप में प्रयोग किया गया। यह जानने के लिए हमें दो दशक पीछे जाना होगा। दरअसल साल 2004 के लोकसभा चुनावों में बलराम जाखड़ राजस्थान के चुरू से चुनाव लड़ रहे थे और भाजपा उनके खिलाफ धर्मेंद्र को उतारना चाहती थी लेकिन जब धर्मेंद्र ने बलराम जाखड़ के खिलाफ लड़ने से इनकार कर दिया तो भाजपा उन्हें कद्दावर जाट नेता रामेश्वर लाल डूडी को हराने के लिए बीकानेर ले गई।

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दरअसल धर्मेंद्र देओल ने बीकानेर से यह चुनाव जीतने के लिए अपने और हेमा मालिनी के स्टारडम का भरपूर फायदा उठाया और उनको यहां से बड़ी जीत हासिल हुई। दूसरी ओर दिल्ली के संसद में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले एक विद्वान जाट नेता बलराम जाखड़ चुरू से हार गए और भारतीय जनता पार्टी मात्र एक अभिनेता धर्मेंद्र के बलबूते दो महत्वपूर्ण जाट नेताओं की सियासत को नेस्तनाबूद करने में कामयाब रही। Loksabha Chunav 2024

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मैंने एक बार संसद के केंद्रीय कक्ष में धर्मेंद्र से यह पूछा था कि क्या आपको यह महसूस नहीं हुआ कि सियासी दल ने आपका प्रयोग भारत की सियासत में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले जाट नेताओं की सियासत को खत्म करने के लिए आपका प्रयोग किया है? तो उन्होंने इस बात को माना और और वह भावुक भी हुए थे। उसके उन्होंने कहा था कि मैं अगली बार चुनाव नहीं लड़ूंगा और हो सकता है मैं बीच में ही इस्तीफा देकर राजनीति छोड़कर चला जाऊं। इसके बाद उन्होंने इंदौर में समाचार पत्र के संवाददाता को यह पूछने पर यह कहा था कि “कौन उल्लू का पट्ठा” अब सियासत में आएगा। मैं अगर तानाशाह होता तो सबको ठीक कर देता। Loksabha Chunav 2024

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बहरहाल उसके बाद गुरदासपुर से महत्वपूर्ण सियासी परिवार बलराम जाखड़ के पुत्र सुनील जाखड़ को हराने के लिए धर्मेंद्र के पुत्र सनी देओल का भारतीय जनता पार्टी ने सियासी हथियार के रूप में जबरदस्त प्रयोग किया और पार्टी उस प्रयोग में सफल भी हुई।

इस तरह से 2014 में हेमा मालिनी की सियासी महत्वाकांक्षा के चलते उनको मथुरा से उम्मीदवार बनाकर भूतपूर्व प्रधानमंत्री और किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह की विरासत को आगे बढ़ाने वाले जयंत चौधरी का रास्ता रोकने के लिए हेमा मालिनी का अस्त्र के रूप में प्रयोग किया तो आज़ भी बदस्तूर जारी है। Loksabha Chunav 2024

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मेरे विचार से अभिनेता धर्मेंद्र के एक परिवार से किसानों की राजनीति करने वाले कई जाट नेताओं के सियासत खत्म करने के लिए धर्मेंद्र के परिवार का महत्वपूर्ण योगदान है। जिसको भाजपा ने बहुत ही सलीके से प्रयोग किया। आज सनी देओल का टिकट काटकर भारतीय जनता पार्टी ने जता दिया कि वह अब पार्टी के किसी काम के नहीं या यूं कहें कि वह फ्यूज बल्ब अथवा फूके हुए कारतूस हैं। इसलिए उनको निकाल फेंका गया है। Loksabha Chunav 2024

उनकी जगह पर एक अन्य व्यक्ति को टिकट देकर भारतीय जनता पार्टी ने जता दिया है कि पार्टी में किसान समाज के नेताओं के लिए कोई ख़ास जगह नहीं है। चाहें वो चूरू से सांसद राहुल कसवा हो, सर छोटूराम के नाती वीरेंद्र सिंह के आईएएस पुत्र या दिल्ली की राजनीति के सितारे साहब सिंह के साहबजादे प्रवेश वर्मा हो। फेहरिस्त तो बहुत लंबी है लेकिन फिलहाल इन्हीं पर ध्यान केंद्रित किया जाए। Loksabha Chunav 2024

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