Mining on Fake Royalty

Mining on Fake Royalty : खनन कारोबारी खेल रहे फर्जी रॉयल्टी का खेल, जाँच में जुटा प्रशासन, खनन विभाग हुआ फ़ैल

Mining on Fake Royalty : खनन कारोबारी खेल रहे फर्जी रॉयल्टी का खेल, जाँच में जुटा प्रशासन, खनन विभाग हुआ फ़ैल

Published By Roshan Lal Saini

Mining on Fake Royalty सहारनपुर : एनजीटी के आदेशों के बाद भी जनपद सहारनपुर में अवैध खनन का कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अवैध खनन के साथ अब माफियाओं द्वारा फर्जी रायल्टी का खेल खेला जा रहा है। खनन में हो रहे फर्जी रायल्टी के खेल से जहां माफिया सफेद रेत से काली कमाई को अंजाम दे रहे हैं वहीं खनन विभाग माफियाओं का खुलेआम सहयोग कर रहा है। आलम यह है कि शिकायत मिलने पर उच्चाधिकारियों यानि जिलाधिकारी को गुमराह किया जा रहा है। यही वजह है कि सहारनपुर जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र ने अवैध खनन और परिवहन करने वालों के खिलाफ के निर्देश दिए हैं। अपर जिलाधिकारी वित्त स्टोन क्रेशरों पर जाकर न सिर्फ खनन परिवहन की जांच कर रहे हैं बल्कि अनुमति से ज्यादा स्टॉक को चेक किया जा रहा है।

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आपको बता दें कि सहारनपुर की तहसील बेहट इलाके में यमुना तटीय इलाके को खनन जॉन बनाया हुआ है। पश्चमी उत्तर प्रदेश का सबसे ज्यादा खनन  किया जाता है। बरसात के मौसम में एक जुलाई से 30 सितंबर तक यानि तीन महीनो के लिए एनजीटी के आदेश पर खनन खुदाई को पूरी रोक लगाई जाती है। बावजूद इसके कुछ खनन माफिया प्रशासन की आँखों में धूल झोंक कर फर्जी रायल्टी पर खनन परिवहन करने में लगे हैं। जिससे खनन विभाग और राजस्व को करोड़ो रूपये का चुना लगाया जा रहा है। फर्जी रायल्टी के की मिल रही शिकायतों के बाद जिलाधिकारी के निर्दश पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ने तहसील व खनन विभाग के अधिकारियों के साथ असलमपुर बरथा में दो स्टोन क्रशरों पर छापेमारी की। जहां एडीएम रजनीश मिश्र ने खनिज के भंडारण की माप तोल कराई। इस कार्यवाई के बाद खनन कारोबारियों में हड़कंप महका हुआ है। Mining on Fake Royalty
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खनन जोन में बिना नंबर प्लेट के दौड़ रहे खनन ढोने वाले वाहनों को भी कब्जे में लिया। कुछ दिन पहले ही जिलाधिकारी डॉक्टर दिनेश चंद्र ने आदेश जारी कर कहा था बिना नंबर और बिना रॉयल्टी के एक भी वाहन दिखाई नहीं दिया जाना चाहिए। बावजूद इसके खनन कारोबारी राजस्व चोरी, बिना नंबर प्लेट के वाहन, एक रमन्ने पर कई वाहन निकालने से बाज नहीं आते। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व रजनीश मिश्रा की टीम की छापेमारी के बाद खनन कारोबारी में मचा हड़कंप शुक्रवार की देर शाम असलमपुर बरथा में दो स्टोन क्रशरों पर छापा मारकर खनिज के भंडारण की जाँच कराई। जिला प्रशासन की टीम ने स्टोन क्रशर पर पहुंचकर बिना नंबर प्लेट के दो खनिज वाहनों सीज करने के निर्देश दिए। साथ ही स्टोन क्रशर मालिक को इनके बारे में नोटिस जारी करने के भी निर्देश दिए। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व देर रात तक तहसील में मौजूद रहे और जिन स्टोन क्रशरों पर छापेमारी की गई है। खनन कारोबारियों से सभी रिकार्ड मांगे गए। Mining on Fake Royalty
रायल्टी के इस खेल को रोकने के लिए जिलाधिकारी एक्शन मोड़ में आ गए हैं। लेकिन फर्जी पोर्टल चढ़ाकर काली कमाई करने के इस काले कारनामे का पर्दाफाश करना जिला प्रशासन के लिए टेडी खीर बना हुआ है। क्योंकि अवैध खनन और फर्जी रायल्टी के खेल में खनन विभाग मनोयोग से सहयोग कर रहा है। इतना ही नहीं खनन विभाग के अधिकारी भी उच्चाधिकारियों को गुमराह कर रहे हैं। हालांकि खनन से जुड़ा सारा लेखा जोखा सरकारी पोर्टल पर अपलोड होना चाहिए। बावजूद इसके उच्चाधिकारी को यह कहकर गुमराह किया जा रहा है कि खनन विभाग के संयुक्त निदेशक फिलाहल इलाहाबाद गए हुए हैं और पोर्टल का पासवर्ड उन्हीं के पास है। जिसके बाद संभावना यह जताई जा रही है कि पोर्टल में फर्जी रॉयल्टी और अवैध खनन के कई राज दफ़न हैं। Mining on Fake Royalty
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यह बताने की जरूरत नहीं कि खनन माफिया बाज नहीं आ रहे। उत्तराखंड और हरियाणा की फर्जी रायल्टी चढ़ाकर सरकार को राजस्व की हानि पहुंचाई जा रही है। इस गोरखधंधे में खनन विभाग पर लगातार उंगली उठ रही थी। पिछले दिनों जनवाणी में प्रकाशित खबर का जिलाधिकारी ने  संज्ञान लेते हुए अफसरों की क्लास लगा दी। उन्होंने पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया। बहरहाल, एक रोज पहले बेहट के एसडीएम ने यमुना खादर में एक गैर भाजपा सांसद के संरक्षण में चलने वाले स्टोन क्रशर पर औचक निरीक्षण किया। हालांकि, कुछ गाड़ियां भी पकड़ी गईं। लेकिन, असल कार्रवाई होनी अभी बाकी है। सूत्रों का कहन है कि सरकारी पोर्टल की उपयोगिता खत्म कर दी गई है। कायदे से कहां से माल खरीदा गया, कहां बेचा गया, इन  सबका ब्यौरा पोर्टल पर होना चाहिए। Mining on Fake Royalty
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संयुक्त खनन निदेशक के इलाहाबाद होने के हवाला देकर मामले को गोलमोल किया जा रहा है। आखिरकार, पोर्टल की जांच जरूर होनी चाहिए। अगर जांच होगी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। इसमें दो राय नहीं कि करीब आधा दर्जन से भी ज्यादा स्टोन क्रशर संचालक अन्य राज्यों यानि कि हरियाणा और उत्तराखंड से फर्जी रायल्टी चढ़ा कर काली कमाई कर रहे हैं। दरअसल, ये लोग हरियाणा और उत्तराखंड से परचेजिंग अपने पोर्टल पर दर्ज कर देते हैं। लेकिन, खनिज का खनन और परिवहन आसपास से ही हो रहा है। अब सारा दारोमदार संयुक्त खनन निदेशक नवीनदास के आने पर टिका है। एक और दिलचस्प बात ये है कि पिछले साल करीब बीस स्टोन क्रशर संचालकों को खनन विभाग ने इसी तरह की चोरी के मामले में नोटिस दिया था। Mining on Fake Royalty
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खनन विभाग द्वारा कायदे से उनसे जुर्माना वसूल किया जाना था। लेकिन, विभाग से साठगांठ के चलते यह सब नहीं हो सका। सूत्रों का दावा है कि जुर्माना वसूला ही नहीं गया। उधर, खनन संयुक्त निदेशक का कहना है कि जुर्माना वसूला गया है। फिलहाल, इसकी लिस्ट विभाग अभी तक उपलब्ध नहीं करा सका है। एडीएमएफएंड आर रजनीश मिश्र ने इस मामले का संज्ञान अवश्य लिया है। बहरहाल, पोर्टल की जांच ही बताएगी कि असल स्तिथि क्या है। वहीं सयुंक्त खनन निदेशक नवीन दास का कहना है कि अगर फर्जी रायल्टी के जरिये राजस्व की हानि पहुंचाने के मामले की पुष्टि होती है तो संबंधित क्रशर संचालकों को नोटिस भेजकर जुर्माना वसूला जाएगा। नहीं देने पर उनकी सिक्योरिटी राशि को जब्त कर लिया जाएगा। Mining on Fake Royalty

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